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शृंगार मंजरी
ढाल २४
राग संधूओ गोडी (श्री सीमंधर स्वामी०, ए देशी )
इणि पारे अजितकुमार, निसि विलवता ए निसि विलवता ए नीगमइ ए, जव थयुं प्रगट प्रभात, तव दिन-नायक तव दीन-नायक विहसियां कमल सुगंध, भमरा पाखलि भमरा पाखलि करि मेलापक सार, चकवा - चकवी ए चकवा - चकवीए सोहावा परदेश, पंख सभारइ ए पंख समारइए हंस, तृणनि हरिणलां तृणनि हरिणां तव बागां नीसाण, कोच पीआणूं कीध पीआणूं अ चलिउ अजितप्रधान, हय गय पायक हय गय पायक
उडणहारा
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दूहा
नेह सज्जन जल-दान गुणि, नीच जवासा - कंटकी,
वीसमीउ ए,
परिवरिउ ए. १२५४
मरुच्छ दोठउं एक, कटक सहू तिहां कटक सहू तिहां भूपति रहितु तिणि ठामि, पांचसइ मंत्रीय पांचसइ मंत्रीय जिहां नहीं नदीअ नीर, जिहां नहीं तरुबर जिहां नहीं तरुवर फलि भरिया रे, जिहां नहीं कुसुमनुं नाम, जिहां नहीं नागर जिहां नहीं नागर वेलडो ए. १२५५ अजितसेन तिणि ठामि, जोइ कमल ते जोइ कमल ते सोहामउ ए, शील - परीक्षा काजि, जे अति कोमल जे अति कोमल शीलवती आपीड ए १२५६ सय- हत्थे, नेह करी जे नेह करी जे सज्जनिं ए, वली वली जोइइ नयणेण, तंबोली धरि तंबोली धरि पान ते
दधुं
जिम ए. १२५७
पंकज - आमोद, पसरिउ सेनई ए पसरिउ सेनंई ए सोहामणउ ए, ते देखीन राय पूछि अजितनि, कमल तणउ मूल कमल कमल मूल कारण ए. १२५८ शीलवती संबंध, अजिति रायनिं मांडी रायनिं मांडी वीनविउ ए,
ते नवि मानइ भूप, कलियुगि एहवी कलियुगी सति किम पामीइ ए. १२५९ दहितु राय यार प्रधानइ, तेडी नइ कहइ तेडी नइ कहइ वातडी ए, निरगुण दूरियन तेह, सर्प तणी परि सर्प तणी परि विख वमइ ए. १२६०
उगमिउ ए. १२५०
८०९९
रणजणइ ए,
सोहामणउ ए. १२५१
सहिजि निरगुण नीमचर, सज्जन गुण न गमंति,
जलधर देखी गजितु, रीसिं सर भमरंति. १२६१
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पंखिआ ए,
वनि रमे ए. १२५२ भूपति ए, परिवरिउ ए. १२५३
जिम जिम प्रीणइ लोइ,
तिम तिम मनि विख वहइ सोय. १२६२
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