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शुगारमंजरी
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शीलवती उवाच-वदन, मदन, मंथारजाति, २१.
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अजित उवाचमरण थकी कुण दोहिलु १, ओर किसिउं करि जाइ २, अहिवर वास ३, एकांत वच ४, वैरीस्मर ५, तिमिरांह ६, ३९३ कष्टनांम ७, वर्णात्य कुण ८, श्रीवीची केहवु मार ९, पंखी १० दिवसह नाम कुण ११, बलिभद्र आयुधसार १२. ३९४ गोरी रतिवर नाम कुण १३, गोरसथी स्युं होइं १४, . कमलापति १५ कहेवु दोहिलउ, हरिण विमासी जोइ. ३९५ रुखह वइरी कुण हवइ १७, सुंदरी मनस्युं जोइ, सतर प्रश्न मइं पूछीयां, एक पदि उत्तर देइ. ३९६
शीलवती उवाच-सर्वतोभद्गजाति २२.
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| र विर | हर | बिं | रह | हर | रवि | विह हः। वि | वि | विह | ह१ | वि२ | ल३ | ४ । ५ । ६
| अह | हल | वि | हवि | अः | विह | र
११ | १२ | १३ | १४ |१५ | १६
अजित उवाचकुण नर उन्मादी हवइ, सिउ हयवल्लभ वन्नि, पंखीडा सिउं वल्लहुं, उत्तर दि . सुवचन्नि. ३९७
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