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सिरिनाइलवंसदिणयरराहुसूरिपसीसेण पुव्वहरेण विमलायरियेण विरइयं सक्कयछायासमलंकियं
पउमचरियं
(पद्मचरित्रम्)
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: छायाकार-संशोधक-संपादकश्च : मुनि पार्श्वरत्नविजयः
तृतीय विभागः
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आ. ॐकारसूरी आराधना भवन,
गोपीपुरा, सुरत
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