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पं. फूलचन्द्रशास्त्री व्याख्यानमाला ३००० पृष्ठ ताड़पत्रीय पांडुलिपियों के आधार पर पहली बार प्रकाशित, संपादन
तथा अनुवाद, भारतीय ज्ञानपीठ, नयी दिल्ली, सन् १९४४-१९७० १४. कषायपाहुड (जय धवला) - भाग १-१६, जैन दर्शन के सिद्धान्त ग्रन्थ, आकार
२०४३० से.मी. लगभग ८००० पृष्ठ, प्राचीन ताड़पत्रीय पांडुलिपियों के आधार पर पहली बार प्रकाशित, मूल प्राकृत से अनुवाद तथा संपादन, भारतवर्षीय दिगंबर जैन महासंघ, मथुरा द्वारा प्रकाशित, सन् १९४१-८२, अनेक भागों के संशोधित संस्करण भी प्रकाशित सप्ततिका प्रकरण - हिन्दी अनुवाद सहित, आत्मानन्द जैन प्रचारक पुस्तकालय,
आगरा, १९४८ १६. तत्त्वार्थसूत्र - संपादन और हिन्दी विवेचन, पृ. ४००, श्री गणेश प्रसाद वर्णी
ग्रन्थमाला, वाराणसी, १९५८ । नया संधोधित संस्करण, श्री गणेशवर्णी संस्थान,
नरिया, वाराणसी द्वारा प्रकाशित, १९९१ १७. सर्वार्थसिद्धि - आकार २०४३० से.मी., पृ.५००, विस्तृत प्रस्तावना तथा टिप्पण
के साथ, भारतीय ज्ञानपीठ, नयी दिल्ली, १९६० १८. पंचाध्यायी - आकार २०४३० से.मी., प्र. ५०० विस्तृत प्रस्तावना के साथ
संपादन, श्री गणेश प्रसाद वर्णी ग्रंथमाला, वाराणसी, १९६० १९. ज्ञानपीठ पूजांजलि - पृ. ५५०, सहसंपादन तथा अनुवाद, भारतीय ज्ञानपीठ, नयी
दिल्ली, १९६० समयसार कलश, पृ. ४५०, भावार्थ सहित, श्री दि. जैन स्वाध्याय मंदिर ट्रस्ट,
सोनगढ़, १९६४ २१. श्री कानजी स्वामी अभिनन्दन ग्रंथ - संपादन, हिंदी विभाग, पृ.६४४, दि. जैन
मुमुक्षु मंडल, बंबई, १९६४ २२. सम्यग्ज्ञान दीपिका- सम्पादन व अनुवाद, दि. जैन मुमुक्षु मंडल, भावनगर, १९७० २३. लब्धिसार - क्षपणासार - श्रीमद् राजचन्द्र आश्रम, अगास, १९८० २४. ज्ञानसमुच्चयसार - विस्तृत प्रस्तावना के साथ, सागर, १९७४ २५. आत्मानुशासन- पंडित टोडरमल की टीका एवं प्रस्तावना के साथ, श्री गणेशवर्णी
संस्थान, नरिया, वाराणसी, १९८३
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