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२४६ : आनन्द प्रवचन : भाग १२
महात्माजी ने कहा - " बस तो, इसी का मुझे दान कर दो ।"
दीवान साहब सच्चे क्षत्रिय थे, वचन के पक्के थे । वे अविलम्ब बोले" अच्छी बात है, महाराज ! दान कर दी ।"
- " अब आपके पास जितनी शराब है, वह अब मेरी हो
महात्माजी ने कहागई, उसे मुझे सौंप दो ।"
उन्होंने सेवकों को आज्ञा दी । ह्विस्की के बक्सों पर बक्से लगे, महात्माजी बोतलें फोड़ने लगे । ह्विस्की की नाली बहने लगी । कहा—'बस, अब अमाप्त हो गई ।' तब महात्माजी ने कहा- "कुछ कपट हुआ है । अस्तु, यह तो मेरी भिक्षा श्री, अब मैं आप को आज्ञा देता हूँ कि भविष्य में कभी सुरा - सुन्दरी को मुँह न लगाना ।"
आने लगे, खुलने जब सेवकों ने
यह आज्ञा देकर महात्माजी ने खसखस का पर्दा उठाया और बाहर चले गये । महात्माजी के इस वचन से 'कि कुछ कपट हुआ है दीवान साहब घबराए और सेवकों से पूछा - "क्या तुम लोगों ने कुछ शराब छिपा ली है ?"
सेवक बोले - "सरकार ! केवल एक बक्सा रहने दिया है, क्योंकि आप रात को माँगते तो कहाँ से आता ? लाहौर के अतिरिक्त कहीं मिलता नहीं ।" खुलवाया और जितनी बोतलें थीं, अपने हाथ को हाथ तक नहीं लगाया ।
दीवान साहब ने वह बक्सा भी से फोड़ दीं । फिर उन्होंने जीबनभर सुरा
इसके पश्चात् दीवान साहब के अन्तःकरण में ऐसी उथल-पुथल मची, ऐसा विचारों का विप्लव मचा कि उसी समय सुरासुन्दरी के पुजारी न जाने कहाँ चले गए, उनके स्थान पर एक व्यसन - त्यागी एवं सात्त्विक सादा वेष पहने मुमुक्षु आ गए । उनकी जीवनधारा ही पलट गई
बन्धुओ ! कहाँ सुखोपभोग में पले हुए दीवानजी और कहाँ बिलकुल सादगी और सात्त्विक आचार-विचार से ओतप्रोत साधु-सम दीवानजी ! यह स्थिति इच्छाओं के निरोध की बदौलत हुई । उनको इन्द्रियलिप्सा सीमित करने में जरा जोर तो लगाना पड़ा, लेकिन उसके बाद असंयम में नष्ट होने वाली उनकी जीवनी शक्ति की बचत हो गई । उनमें क्रियाशक्ति और विचारशक्ति स्वतः आ गई । उसे उन्होंने आत्मनिर्माण और समाज - निर्माण में लगा दिया ।
जागृति हो तो इच्छानिरोध सुकर
सुखोपभोग में पड़ा हुआ व्यक्ति यदि जाग्रत हो तो उसे कोई देर नहीं लगती इच्छाओं का निरोध करने में । जाग्रत व्यक्ति झूठी शर्म, लिहाज या मिथ्या पोजीशन या प्रतिष्ठा के चक्कर में नहीं पड़ता, वह सुख-साधनों की प्रचुरता होने पर भी उनमें अलिप्त-सा रहता है । भरत चक्रवर्ती में यही गुण था, वे चक्रवर्ती पद पर थे, सभी सुखभोग के साधन थे उनके पास, लेकिन इस वैभव एवं सुखोपभोग के साधनों की
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