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२०२: आनन्द प्रवचन : भाग १२
जो बुद्धि से दरिद्र नहीं है, वह यही सोचता है-'मैंने समाज से बहुत कुछ लिया है, अन्न-वस्त्र के लिए, रहन-सहन और सुसंस्कार के लिए, समाज से भाषा, धर्म और संस्कृति ली; समाज में प्रचलित कार्यों और व्यवहारों का ज्ञान प्राप्त किया, समाज से विधाएँ, कलाएँ, ज्ञान-विज्ञान आदि अजित किए, जीवन-निर्माण भी मेरा समाज की सुन्दर व्यवस्था एवं रचना से हुआ है, मेरा जीवन अनेक व्यक्तियों के सम्मिलित सहयोग से बना है, इसलिए समाज के प्रति कृतज्ञ रहकर मुझे उसे प्रत्यर्पण करना चाहिए । मेरे पास जो भी शक्ति, उपलब्धि, विद्या, धन, साधन आदि हैं, उन्हें समाज के लिए समर्पित कर देना चाहिए । शरीर रहते-रहते मुझे समाज के अगणित उपकारों के ऋण से उऋण हो जाना चाहिए। जरूरतमन्दों को दान देना समाज के उपकारों से उऋण होने का एक उपाय है।'
ऐसा मन और बुद्धि से उदार विचारक सदैव यही सोचता है कि चाहे मेरे पास धन न हो, परन्तु शरीर रहते जो भी कुछ है, उसे यदि दे सकू तो मैं धन्य हो जाऊँगा।
__जो भी वस्तु मनुष्य के पास है, उससे वह दूसरों को भी लाभ उठाने दे । यदि उसके पास रुपये नहीं हैं, तो अन्य साधन तो हो ही सकते हैं, जिनसे आप दूसरों की-कष्टपीड़ितों की अपने से दुर्बल प्राणियों की सहायता कर सकते हैं । दान के बहुत से साधन हैं ।
__ महाभारत में एक सुन्दर प्रसंग इस सम्बन्ध में अंकित है-द्रोणाचार्य जब अपनी दीन अवस्था में परशुराम से कुछ माँगने महेन्द्र पर्वत पर गये तो त्यागी परशुराम ने कहा- "मैं तो अपनी सारी सांसारिक विभूतियाँ दान में दे चुका हूँ। अतएव तुम्हें धन देने में असमर्थ हूँ। मेरे पास विद्या ही शेष है, तुम चाहो तो उसे ले सकते हो।"
द्रोण ने विद्यादान लेना स्वीकार कर लिया। इसी प्रकार देने और लेने की कितनी ही वस्तुएँ होती हैं। यह आवश्यक नहीं है कि आपके पास महादानी कर्ण के कवच-कुण्डल हों, तभी आप दान करने का साहस करें। कवच-कुण्डल न सही आप किसी भूखे को एक समय का भोजन और प्यासे को पानी ही दे देते हैं, तो दान का लाभ मिल सकेगा। किसी फटेहाल या सर्दी से ठिठुरते हए व्यक्ति को आप अपने पास का वस्त्र दे सकते हैं। और कुछ नहीं तो आप किसी को श्रमदान देकर उसका दुःख दूर सकते हैं। किसी को अपना बना-बनाया घर नहीं दे सकते, तो संकट में शरण तो दे ही सकते हैं। पैसे न सही शक्ति, सहयोग, बौद्धिक परामर्श, सहानुभूति, आश्वासन, शुभ कामना, आशीर्वाद, सान्त्वना ही दें तो वह दान की कोटि में आ सकता है।
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