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________________ प्रेमराग से बढ़कर कोई बन्धन नहीं १२५ नागसमाल ने हंसकर कहा-"महाराज ! साधु-संन्यासी और लोकसेवक के लिये जनता ही पति है। मैंने स्वपरकल्याण एवं लोकहित के लिये यह वेष धारण किया है । क्या आप चाहते हैं कि मैं अपने स्वीकृत पथ से भ्रष्ट हो जाऊँ ?" __ “सोच लो, महात्मन् !” राजा के स्वर में कुछ तीखापन और कुछ याचना का भाव भी था-"हम आपको आधा राज्य भी देंगे। आपको राजकुमारी के भरणपोषण के लिये कुछ भी चिन्ता नहीं करनी पड़ेगी।" सौन्दर्य का प्रलोभन और धमकी भरा भय-दोनों ही नागसमाल को विचलित न कर सके। बन्धनों से प्रीति कैसी ? बन्धनों से प्रीति कैसी? हम शलभ जलने चले हैं, अस्तित्व निज खोने चले हैं। दीप पर जलना हमें है, दाह की फिर भीति कैसी? सिन्धु से मिलने चले हैं, सर्वस्व निज देने चले हैं। अतल से मिलना हमें है, शून्य तट पर दृष्टि कैसी? दीप बन जलना हमें है, विश्व-तम हरना हमें है । ध्येय तिल-तिल जलन का है, कालिमा से भीति कैसी ? नागसमाल राजा को अपने जाने का संकेत करके वीणा उठाकर उसी तरह चल पड़ता है, जैसे मृगों के बीच में से सिंह निकलता है । धीरे-धीरे कदम वह बढ़ाता हुआ राजोद्यान से बाहर निकल गया। यह है, प्रेमराग के बन्धन से दूर रहकर रागबन्धन तोड़ने की प्रेरणा देने वाला ज्वलन्त उदाहरण ! रागमुक्त भगवान् अरिष्टनेमि द्वारा राजीमती को प्रेमराग बन्धन तोड़ने की प्रेरणा देने का भी ज्वलन्त उदाहरण प्रसिद्ध है। बन्धुओ! इसीलिये उत्तराध्ययनसूत्र (२६/३०) में इस बन्धन को तोड़ने से विशिष्ट फल-प्राप्ति का निर्देश किया गया है "अप्पडिबद्धयाए णं जीवे निस्संगतं जणयइ, निस्संगत्तेणं जीवे एगे एगग्गचित्ते दिया य राओ य असज्जमाणे अप्पडिबद्ध यावि विहरइ।" -अप्रतिबद्धता से निःसंगभाव आता है। निःसंगभाव से जीव एकाकी, एकाग्रचित्त तथा अहर्निश अनासक्त रहता हुआ अप्रतिबद्ध होकर विचरण करता है। आप भी महर्षि गौतम की पवित्र प्रेरणानुसार प्रेमराग को परमबन्धन समझकर इससे दूर रहने का प्रयत्न कीजिये, गृहस्थ में रहते हुए भी अनासक्त, रागरहित बनने का अभ्यास कीजिये। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004014
Book TitleAnand Pravachan Part 11
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnand Rushi, Shreechand Surana
PublisherRatna Jain Pustakalaya
Publication Year1981
Total Pages374
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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