________________
११२
आनन्द प्रवचन : भाग ११
आना।" ठाकुर ने घोड़ा अपने मित्र के यहाँ बाँध दिया और रात को ही चुपके से पिछले दरवाजे से घर में प्रवेश करके छिपकर बैठ गया। उधर रात पड़ते ही ठकुराइन ने दासी से कहा
ठाकुर गया गाँव, मने नहीं भावे धान ।
ला तो जरा गन्ने के सांठे। दासी गन्ने ले आई, तब ठकुरानी ने गन्ने चूसे। फिर दासी से खिचड़ी बनवाई, उसमें खूब घी डालकर खाने लगी। उसके बाद बाटी बनवाई और अन्त में मुंह साफ करने के लिये मक्की के फूले बनवाकर खाए । ठाकुर यह सब देख रहा था। वह घर में से प्रकट हो गया। उसने ठकुराइन का प्रमराग का नाटक देख लिया था। अतः ठकुराइन द्वारा इतनी जल्दी लौट आने का कारण पूछने पर ठाकुर ने कहा-"मैं घोड़े पर बैठकर जा रहा था कि रास्ते में गन्ने जैसा मोटा और लम्बा साँप मिला । वह सांप इस तरह चल रहा था, जैसे खिचड़ी में घी चलता है, उसका फन ठीक बाटी जैसा था। वह ऐसी आवाज कर रहा था, जैसे मक्की के फूले सेके जा रहे हों। इसलिए मैं जल्दी ही लौट आया।" ठकुराइन समझ गई कि ठाकुर मेरी चालाकी एवं त्रियाचरित्र को समझ गया है । अतः लज्जित होकर अपने अपराध के लिये क्षमा मांगी।
यह है-पत्नी का पति के प्रति प्रेमराग का नाटक । सचमुच लौकिक प्रेम में ऐसा प्रमराग का नाटक अनेक बार होता है। मनुष्य जान-बूझकर मोहाविष्ट होकर ऐसे नाटक कई बार करता है, बार-बार ठगाता भी है। परन्तु फिर फंसता है । कई बार स्त्री-पुरुष को अपने प्रेमराग के जाल में फंसाती है, कई बार पुरुष स्त्री को फंसाता है। कई चालाक स्त्रियाँ तो ऐसी सफाई से यह नाटक करती हैं कि उनके पति भी उस प्रेमराग को विशुद्ध प्रेम समझकर ठगा जाते हैं। वास्तव में ऐसा नाटक होता है—काममूलक ही।
एक स्त्री ने अपने पातिव्रत्य की एवं पतिभक्ति की छाप अपने पति के हृदय पर ऐसी अंकित कर दी कि पति समझ गया कि मेरी पत्नी पूर्ण पतिव्रता है, परन्तु थी वह व्यभिचारिणी। एक दिन उसके पति के मित्रों ने उसकी शिकायत की। फलतः पति रात को चुपके से आकर उस स्त्री की पलंग के नीचे छिप गया। सदा को भाँति जब उस कुलटा का प्रेमी आया तो पलंग के हिलने से उस छिनाल को पता चल गया कि हो न हो, आज मेरे पति पलंग के नीचे छिपे हुए हैं। प्रेमी को संकेत से सारी बात बताकर सतीत्व का नाटक करती हुई वह बोली-“खबरदार ! आगे मत बढ़ना; नहीं तो सतीत्व के तेज से भस्म कर दूंगी।" उसने गुस्सा दिखाते हुए कहा"तब मुझे बुलाया ही क्यों था ?"
वह बोली-“कल एक ज्योतिषी ने मेरे पति की जन्मकुण्डली देखकर कहा यदि तुम अन्य पुरुष का आलिंगन कर लो तो उसकी आयु घट जायेगी, और तुम्हारे
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org