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आनन्द प्रवचन : भाग ८
कामदेव बोला—कोई दिव्य-शक्तिधारी तुम्हें मार रहा था ।
इतना-सा चलायमान होने पर भी कामदेव की धर्म दृढ़ता, उपसर्ग एवं अवरोध सहने की शक्ति गजब की थी। इसीलिए कहा है- .
"ते साहुणो जे समयं चरंति ।" सिद्धान्तनिष्ठा और रूढ़िनिष्ठा में बहुत अन्तर है। इसी प्रकार सिद्धान्त प्रेरक व्यक्ति पूजा और सिद्धान्त पूजा में भी रातदिन का अन्तर है। आशा है, आप सज्जन सिद्धान्तनिष्ठा के तत्त्वों को भलीभाँति समझ गए होंगे। अब आगे-सिद्धान्तपथ पर कदम बढ़ाइए, आपको लक्ष्य के निकट पहुंचते देर न लगेगी।
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