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आनन्द प्रवचन : सातवाँ भाग
शोक-ग्रस्त हुई, फिर राम-लक्ष्मण के सौन्दर्य को देखकर काम-वासना से भर गई और अब उसके पूरी न होने पर असह्य क्रोध की ज्वाला में जलती हुई बदला लेने के लिए पागल हो उठी।
पुत्र की लाश के यहाँ से जो पद-चिह्न राम की पर्णकुटी की ओर गये थे, उससे सूर्पणखा यह तो जान ही गई थी कि इन्हीं दोनों में से किसी ने मेरे पुत्र को मारा है । अतः तब, जबकि उसका प्रणय-निवेदन भी दोनों ने अस्वीकार कर दिया तथा तिरस्कृत करते हुए वहाँ से निकाल दिया तो अब वह रोतीपीटती हुई अपने क्रोधरूपी पति खर के पास पहुंची और अपनी काम-पिपासा के प्रसंग को छिपाकर पुत्र की हत्या के विषय में और हत्यारे के विषय में जानकारी देकर बोली-“मेरे पुत्र की हत्या का बदला लो।"
पुत्र की हत्या हो जाने पर और उसके हत्यारों का पता भी लग जाने पर फिर क्रोधी बाप कैसे चुप बैठा रहता ? वह अपने दूषण एवं त्रिशर, दोनों भाइयों को लेकर राम व लक्ष्मण को मार डालने के लिए जंगल में पहुंच गया। पर बलदेव राम और वासुदेव लक्ष्मण के ऊपर उनका क्या जोर चलने वाला था । केवल लक्ष्मण ने ही उनका खात्मा कर दिया।
सूर्पणखा की दशा अब और भी बुरी हो गई । पति और देवरों के मारे जाने पर उसका क्रोध हजार गुना बढ़ गया । खूब सोच-विचार कर वह अपने भाई मिथ्यामोहरूपी रावण के पास पहुंची। रावण को भड़काने के लिए उसने दो अस्त्र तैयार कर लिये थे कि एक काम नहीं आएगा तो दूसरे का उपयोग करूंगी।
पहले तो उसने अपने पुत्र शंबुक की हत्या के विषय में बताते हुए कहा कि उसको सजा हत्यारों को देने जाने पर मेरे पति और देवरों को भी लक्ष्मण ने मार डाला है । दूसरे यह भी कहा- "तुम इतनी बड़ी सोने की लंका के राजा हो और तुम्हारे महल में हजारों रानियाँ हैं, किन्तु राम की पत्नी सीता के पैरों की धोवन के समान भी कोई नहीं है । अर्थात् सीता अतुल सौन्दर्य की प्रतिमा है, और ऐसी स्त्री तुम्हारे रनिवास में नहीं आई तो फिर तुम्हारे इतने शक्तिशाली होने और बीस भुजाएँ रखने से क्या लाभ है ?" ___ बहन के द्वारा सीता के सौन्दर्य का वर्णन करने पर रावण विकारों के वशीभूत हो गया और साधु का वेश बनाकर छलपूर्वक सीता का हरण कर लाया । यद्यपि उस समय राम-लक्ष्मण कुटी में नहीं थे और रावण के द्वारा रचाए गये स्वर्ण-मृग के पीछे जा चुके थे । किन्तु फिर भी लक्ष्मण कुटी के चारों ओर एक रेखा खींच गये थे कि कोई भी अगर इसका उल्लंघन करेगा तो वहाँ । अग्नि प्रज्वलित होगी और उस प्राणी को भस्म कर देगी।
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