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अस्नान त
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(१) दानवी वृत्ति अभी बताई हुई चारों वृत्तियों में से दानवी वृत्ति सबसे निकृष्ट एवं वैर को जन्म देने वाली है। जिन व्यक्तियों के हृदय में यह वृत्ति पनप जाती है वे न स्वयं चैन लेते हैं और न दूसरों को ही चैन लेने देते हैं । ऐसे व्यक्ति अपने धन की तो सर्प के समान चौकसी करते ही हैं, सदा दूसरों का धन हड़पने की कोशिश में भी लगे रहते हैं । दानवी वृत्ति के कारण ही संसार में सदा से झगड़े-फसाद एवं भयानक युद्ध होते चले आए हैं। एक व्यक्ति दूसरे के धन को भी अपने कब्जे में लेने का प्रयत्न करता रहा है और एक राजा दूसरे के राज्य को छीनने की कोशिश में लगा रहा है । इस दानवी वृत्ति ने ही सदा से यहाँ भयानक रक्तपात किया है और खून की नदियाँ बहाई हैं । दुर्योधन में दानवी वृत्ति थी इसीलिए उसने अपना राज्य तो अपने पास रखा ही, पांडवों का भी हड़पने के लिए नाना प्रकार के प्रयत्न किये । प्रथम तो सरल-हृदयी युधिष्ठिर को जुआ खिलाया और उसमें भी धोखेबाजी से उनका सब कुछ छीन लिया। इतने पर भी सन्तोष न होने पर उनकी पत्नी द्रौपदी को दाव पर रखवाकर उसका भरे दरबार में अपमान किया। तत्पश्चात् उन्हें एक वर्ष तक अज्ञातवास करने की और पता लग जाने पर पुनः वैसा ही करने की शर्त रखी पर अज्ञातवास पाण्डवों के सौभाग्य से सफल रहा और दुर्योधन लाख प्रयत्न करके भी उनका पता न लगा सका। किन्तु अज्ञातवास के पश्चात् भी दुर्योधन अपने वादे से मुकर गया और उसने स्पष्ट कह दिया-"एक सुई के अग्रभाग जितनी जमीन भी पांडवों को नहीं दूंगा।" परिणाम यह हुआ कि महाभारत प्रारम्भ हुआ और लाखों व्यक्तियों के नाश के साथ ही दुर्योधन भी अपने कुल सहित मृत्यु को प्राप्त हुआ।
दानवी वृत्ति ऐसी ही होती है, जिसके मस्तक पर सवार हो जाने के पश्चात् मनुष्यों को हिताहित का भी मान नहीं रहता। व्यक्ति एक-दूसरे के खून का प्यासा बन जाता है तथा जन्म-जन्मान्तर के लिए वैर बांध लेता है। आज भी दानवी वृत्ति वाले व्यक्तियों की कमी नहीं है । बड़े-बड़े पदाधिकारी भी गरीबों की रोटी छीनते हुए अपना घर भरने के प्रयत्न में रहते हैं। इसी के कारण देश की स्थिति डावाँडोल ही नहीं अपितु अत्यन्त भयंकर हो रही है । बेचारे भूखे व्यक्ति जब उदर भी नहीं भर पाते हैं तो चोरियां करते हैं, अकेली-दुकेली बहू-बेटियों को लूट ले जाते हैं और बच्चों को चुराकर उनके बदले में पैसों की मांग करते हैं। आए दिन ऐसी दिल दहला देने वाली घटनायें सुनने को और पढ़ने को मिलती हैं । अनेक व्यक्ति तो भूख से तंग आकर अपने बच्चों को, बीबी को जहर दे देते हैं और स्वयं भी वही खाकर सदा के लिए सो जाते हैं । यह सब क्यों होता है ? केवल इसीलिए कि लोगों में दानवी वृत्ति घर कर गई है। पैसे वाले व्यक्ति जब जरूरत से अधिक इकट्ठा कर लेते हैं तो अन्य व्यक्तियों को भोजन और वस्त्र मिलना भी दुर्लभ हो जाता है । दानवी वृत्ति के कारण
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