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यह चाम चमार के काम को नाहि
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करती है वह स्वर्ग में जाती है तथा अपने पति को वहाँ फिर से पा लेती है। इसलिए इन सबको छोड़ दो और भले ही हम सबको मार डालो।"
___भील बिचारा किंकर्तव्यविमूढ़-सा हो गया। वह सोच ही नहीं सका कि हिरणों को मारे या हिरणियों को। ऐसी स्थिति में उसे शिवजी की याद आई और वह मन ही मन प्रार्थना करने लगा-"प्रभो ! अब आप ही मुझे मार्ग सुझाओ । मेरे अनजाने ही आज तीनों प्रहर की पूजा मेरे द्वारा आपकी हुई है, अतः आप कृपा करके बताओ कि मैं क्या करूं ?"
भील बड़े सच्चे और सरल हृदय से शिवजी का आह्वान कर रहा था। दूसरे महापुरुषों का कथन भी है कि भगवान का निवास शुद्ध एवं सरल हृदय में होता है । इसी सचाई के प्रमाण स्वरूप जबकि भील शिव से प्रार्थना कर रहा था, उसके ज्ञानचक्ष खुल गये और उसे विचार आया- "मैं क्या करने जा रहा हैं ? मेरे जीवन को धिक्कार है । बेचारे ये प्राणी पशु होकर भी अपने-अपने कर्तव्य का पालन कर रहे हैं, किन्तु मैं मनुष्य होकर भी धर्म से विमुख होता हुआ इनकी हत्या का प्रयास कर
उसने आँखें खोली और हिरण तथा हिरणियों से कहा- "तुम सब अपनेअपने घर जाओ। मैं आज से किसी भी प्राणी की कभी हत्या नहीं करूँगा।" यह सुनते ही सब प्राणी हर्ष से भरकर अपने-अपने स्थान की ओर भाग गये ।
तत्पश्चात् भील शिवजी के मन्दिर में गया। उनके समक्ष अपना मस्तक झुकाया और घर की ओर चल पड़ा। रास्ते में उसने कुछ कन्दमूल एकत्रित किये
और माता-पिता का तथा अपना पेट भरा । उस दिन के पश्चात् भील ने कभी किसी प्राणी की हत्या नहीं की तथा मेहनत-मजदूरी करके अपने परिवार का पेट भरने लगा।
इसे कहा जाता है भगवान के नाम का प्रभाव, जिस भील ने जीवन में कभी भगवान के मन्दिर की ओर मुँह नहीं किया था तथा सदा निर्दोष प्राणियों की हत्या करता हुआ जीवनयापन करता था। वही व्यक्ति एक बार भगवान शिव का स्मरण करके ही सदा के लिए अहिंसक बन गया तथा निविड़ कर्मबन्धनों से बच गया।
___अब दोहे में बताई हुई दूसरी बात यह आती है कि अटूट सम्पत्ति प्राप्त कर लेने पर भी व्यक्ति कभी अपने शत्रु की ओर से निश्चिन्त न हो अर्थात् उसे कभी भी न भूले । जिस प्रकार काल रूपी दुश्मन न जाने किस वक्त चुपचाप आकर व्यक्ति को दबोच लेता है, उसी प्रकार शत्रु भी कब दाव पाते ही आक्रमण कर बैठता है, यह कहा नहीं जा सकता । बड़े-बड़े साम्राज्य भी किसी घर-भेदिये के द्वारा जो कि राज्य का शत्रु बन जाता है, तनिक सी असावधानी के कारण नष्ट हो जाते हैं । जिस प्रकार
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