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५ घड़ी से, घड़ी दो घड़ी लाभ ले लो !
धर्मप्रेमी बंधुओ, माताओ एवं बहनो !
आज हमें यह देखना है कि समय कितना मूल्यवान है और उसका सही हिसाब रखते हुए घड़ी हमें किस प्रकार शिक्षा देती है ?
यद्यपि इस संसार में सूर्य और चन्द्र दोनों ही हमें हैं । सूर्य प्रातःकाल उदित होकर शाम को अस्त होता है व्यतीत होना बताता है और उसके पश्चात् नभमंडल में चन्द्रमा उसका स्थान लेता है तथा आकाश के एक छोर से दूसरे छोर पर पहुंचकर रात्रि के समाप्त होने का संदेश देता है । किन्तु इन दोनों के संकेतों से भी प्रत्येक घंटे, प्रत्येक मिनट और प्रत्येक सैकिंड का बिलकुल सही अनुमान नहीं लगाया जा सकता । यह कार्य एक मात्र घड़ी ही करती है । वही समय के प्रति सैकिंड प्रति मिनट और प्रति घंटे का पूरा और सही हिसाब देती है । कहीं भी कोई भूल नहीं करती ।
ध्वनि
घड़ी कभी एक पल का भी विराम नहीं लेती और अपनी टिक-टिक की मनुष्य को प्रति पल समय के व्यतीत होने तथा सजग रहने की चेतावनी भी देती रहती है । इसलिए कवि श्री चंदन मुनि ने अपनी लेखनी के द्वारा बताया है-
समय की गति बताते
तथा एक दिवस का
यह शिक्षा सुनहरी सुनाती समय बीतता है बताती
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घड़ी है । घडी है ।
घड़ी हमें अमूल्य शिक्षा देती है कि समय एक-एक पल करके बीतता जा रहा है अतः इसे व्यर्थ न जाने दो तथा इसका सदुपयोग करो । भले ही आत्मा
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