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________________ उत्तम पुरुष के लक्षण २२६. बहादुर को वीर कहते हैं, किन्तु जो विषय विकारों को जीत लेता है उसे महावीर कहा जाता है । और वास्तव में ही वह महावीर हैं जो अपने समस्त आत्मिक शत्रुओं को जीत लेता है । जिन्हें जीतना अत्यन्त कठिन कार्य है । आशा है आपने सच्चे पुरुष के पाँचों लक्षणों को भली-भांति समझ लिया होगा और यह भी जान लिया होगा कि इन के अभाव में पुरुष पुरुष नहीं कहला सकता । आकृति से तो इस संसार में करोड़ों व्यक्ति दृष्टि गोचर होते ही हैं, किन्तु सच्चे पुरुष - पुंगव वे ही कहलाते हैं जो अभी-अभी बताए गये पाँचों उत्तम लक्षणों से युक्त हों। ऐसे पुरुष ही यथार्थ में अपने जीवन को सफल बनाते है तथा अपने लक्ष्य को सिद्ध करते हैं । Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004007
Book TitleAnand Pravachan Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnand Rushi, Kamla Jain
PublisherRatna Jain Pustakalaya
Publication Year1974
Total Pages360
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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