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________________ भद्रबाहु चाणक्य-चन्द्रगुप्त कथानक [ २८ ] कवि - प्रशस्ति इस प्रकार कालचक्र को अपने मन में समझ-बूझकर तथा प्रयत्नपूर्वक विषयकषायों को छोड़कर सभी लोगों को आत्मा का हित चिन्तन करना चाहिए जिससे कि परम-विवेक से भव का क्षय हो जाय । [ ग्रन्थकार अपनी लघुता प्रकट करता हुआ तथा क्षमा याचना पूर्वक सभी की समृद्धि की कामना करता हुआ कहता है कि – ] अनेक छन्द, अलंकार तथा गण, मात्रादि के भेदों को समझे बिना ही मैंने अन्तिम श्रुतकेवलि आचार्य भद्रबाहु के इस चरित को प्रकट करने में उनका प्रयोग किया है । तद्विषयक उन दोषों को क्षमा करें और वर्णन में हीनाधिकता का शोधन कर लें । ५७ श्री वर्धमान जिन का शासन नन्दित रहे । सुतप को प्रकाशित करनेवाले गुरुजन भी नन्दित रहें । समय-समय पर देवगण वर्षा करते रहें । दुर्भिक्ष के दुःख दूर से ही नष्ट होते रहें । नीति का विज्ञाता तथा पाप - अनीति का नाशक राजा नन्दित रहे । प्रजाजन आनन्द को प्राप्त होवें । श्रावकवर्ग भी सम्पूर्णसमग्रता को प्राप्त करता रहे [ x x x x x x ] घर-घर में वीतरागदेव की पूजा होती रहे, जिससे भव्यजनों के मिथ्यात्व रूपी पाप-तम का भार नष्ट हो जाय । ሪ Jain Education International मुनि यशः कीर्ति के गुणाकर एवं तपस्वी शिष्य खेमचन्द्र और हरिषेण मुनि तथा पाल्ह ब्रह्म भी नन्दित रहें और वे तीनों ही सभी के पाप-भार को नाश करने वाले होवें । संघाधिप देवराज के नन्दन तथा पद्मावती कुलरूपी कमल के लिए दिवाकर के समान और बुधजनों के कुल को आनन्दित करने वाले वे यशस्वी हरिसिंह भी नन्दित रहें, जिनके घर में देव शास्त्र एवं गुरुचरणों में अनुराग करनेवाले रघू बुध उत्पन्न हुए । प्रस्तुत काव्य भी भूतल पर चिरकाल तक नन्दित रहे और इस कलिकाल में भी उसके पढ़ने-पढ़ाने की प्रवृत्ति बनी रहे । घत्ता - इस प्रकार सुयश से पवित्र परिजनों का यहाँ वर्णन किया । जब तक कनकाचल है, जब तक सूर्य-चन्द्र हैं, जब तक यह महिमण्डल है और जब तक आखण्डल ( इन्द्र ) है, तब तक सुयश के वश होकर वे सभी तथा यह रचना नन्दित रहे । For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004003
Book TitleBhadrabahu Chanakya Chandragupt Kathanak evam Raja Kalki Varnan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajaram Jain
PublisherGaneshprasad Varni Digambar Jain Sansthan
Publication Year1982
Total Pages164
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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