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भद्रबाह-चाणक्य-चन्द्रगुप्त कथानक
[२५] Description of Paicama Kala ( 5th ara or Kala). Introduction of first wicked Kalki King
Caturamukha' of Padalipura.
पुणु जिणेण भासिउ कय णिच्छइ एक्क-सहस-वरिस गय पच्छइ । होसइ कक्की जय विक्खायउ चउमुहणामें लोहु कसायउ । पाडलिउत्ति णयरि णिवसेसइ एयछत्तु महियलि मुंजेसइ।
अण्णाएँ लोयहँ दंडेसइ महकरेण पुहई पीडेसइ। 5 एक्कहिँ दिणि सो मंतिहु पुच्छइ को महु णवइ ण दंडु पडिच्छइ ।
मंति भणेसह परम दियंवर केर णमणहिँ वासिय गिरिवर । सावय-मंदिर हत्थहिँ मुंजइ ते किं तुम्हहँ दंडु पउंजइ। तं णिसुणेवि कलंकिउ जंपइ भोयणधु गिण्हहुँ तहँ संपइ ।
इय भासंतउ सो जि.अकालें तडि मारेल्वउ सीसि करालें। 10 मरिवि पढम गरयहि जाएसइ पच्छइ तहु सुउ रज्जु करेसइ ।
जणवउ णय-मग्गि पालेसइ धम्मपहावग पयड करेसइ ।
घत्ता
तहु पच्छइ पुणु अण्ण वीस कलंकिय होसहिं। दुच्चरियहिँ लोहंधु दुह जणम्मि पोसेसहिं ।।२५।।
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