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________________ सुपुत्र श्री प्रसनकुमार जैन के कुशल निर्देशन में उदात्त परम्पराओं का निर्वाह कर रहे हैं। उन्हीं ट्रस्टों में से प्रस्तुत संस्करण के प्रकाशन में स०सि० कन्हैयालाल रतनचन्द जैन शिक्षा ट्रस्ट, कटनी (म०प्र०) द्वारा २१०००/- प्राप्त हुए हैं। अतः संस्थान परिवार ट्रस्ट एवं उसके संचालकों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करता है, साथ ही भावना भाता है कि उनके सुयोग्य पुत्र सिंघई प्रसनकुमारजी जैन और उनके भ्रातृगण इसी प्रकार अहर्निश धर्म एवं संस्कृति के प्रचार-प्रसार में सहयोग करते रहें। प्रस्तुत संस्करण के टीकाकार श्रद्धेय पण्डित जगन्मोहनलालजी शास्त्री का परिचय श्री विजय कुमार भारतीय, कटनी ने लिखने की कृपा की है, अतः हम उनके हृदय से आभारी हैं। संस्थान के पूर्व मन्त्री डॉ० कमलेश कुमार जैन एवं प्रो० अशोक कुमार जैन, मन्त्री को भी धन्यवाद देता हूँ जिनके सक्रिय सहयोग से यह संस्करण इस रूप में प्रकाशित हुआ है। ___ संस्थान के शुभचिन्तक बड़े भैया श्रीमान् अमरचन्द्रजी जैन (सतना) की प्रेरणा से संस्थान को निरन्तर आर्थिक सहयोग प्राप्त होता रहता है। प्रस्तुत संस्करण के प्रकाशन में भी उनकी सक्रिय भूमिका एवं सहयोग हमें प्राप्त हुआ है। अतः हम उनके प्रति हृदय से कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं। अन्त में मैं संस्थान के व्यवस्थापक डॉ० कपिलदेव गिरि को प्रूफ-संशोधन में सहयोग के लिए धन्यवाद देता हूँ। इसके अतिरिक्त उन सभी पदाधिकारियों एवं स्वाध्यायी जनों के प्रति भी हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ, जिनका प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से इस ग्रन्थ के प्रकाशन में सहयोग प्राप्त हुआ है। श्रावकधर्मप्रदीप के इस संस्करण को डिमाई साइज में परिवर्तित किया गया है और इस बात का पूरा ध्यान रखा गया है कि कहीं कोई मूल व्याख्या न छूटे, फिर भी यदि प्रमादवश कोई त्रुटि दृष्टिगोचर हो तो विज्ञजन क्षमा करेंगे और सूचित करेंगे ताकि आगामी संस्करण में उसका परिमार्जन किया जा सके। संस्थानभवन श्रुतपञ्चमी १० जून, १९९७ डॉ०सुरेशचन्द जैन निदेशक श्री गणेश वर्णी दिगम्बर जैन संस्थान नरिया, वाराणसी-५ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004002
Book TitleShravak Dharm Pradip
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaganmohanlal Shastri
PublisherGaneshprasad Varni Digambar Jain Sansthan
Publication Year1997
Total Pages352
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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