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________________ (८ ) श्री चन्द्रप्रभ जिन स्तवन चन्द्रप्रभं चन्द्रमरीचिगौरं चन्द्रं द्वितीयं जगतीव कान्तम् । वन्देऽभिवन्धं महतामृषीन्द्र जिनं जितस्वान्तकषायबन्धम् ॥ १॥ सामान्यार्थ-चन्द्रमाकी किरणोंके समान गौरवर्णसे युक्त, संसारमें द्वितीय चन्द्रमाके समान मनोहर, महात्माओंके द्वारा वन्दनीय, ऋद्धिधारी मुनियोंके स्वामी, कर्म शत्रुओंपर विजय प्राप्त करनेवाले तथा अपने अन्तःकरणके कषाय. बन्धनको जीतनेवाले, ऐसे चन्द्रप्रभ भगवानकी मैं वन्दना करता हूँ। विशेषार्थ--अष्टम तीर्थङ्करका चन्द्रप्रभ यह नाम सार्थक है। चन्द्रप्रभका अर्थ है--चन्द्रमाके समान है प्रभा (कान्ति) जिनकी। उनका वर्ण चन्द्रमाको किरणोंके समान गौरवर्ण है । वे अपनी सुन्दरताके कारण ऐसे प्रतीत होते हैं जैसे इस भूमण्डल पर दूसरे चन्द्रमा हों। एक चन्द्रमा तो आकाशमें सुशोभित होता है, किन्तु चन्द्रप्रभ भगवान् इस भरत क्षेत्रमें द्वितीय चन्द्रमाके रूपमें सुशोभित हुए हैं । यहाँ एक विशेष बात यह है कि चन्द्रमा तो केवल रात्रिमें शोभित होता है, परन्तु श्री चन्द्रप्रभ जिन केवलज्ञानरूप प्रभाके द्वारा रात-दिन सुशोभित होते हैं । इस कारण वे चन्द्रमासे भी अधिक दीप्तिमान् हैं । इस प्रकार यहाँ चन्द्रप्रभ भगवान्के बाह्य स्वरूपका वर्णन किया गया है । चन्द्रप्रभ भगवान् कर्मरूप शत्रुओंको जीतनेके कारण जिन कहलाते हैं । इसके अतिरिक्त उन्होंने अपनी आत्माके कषायबन्धनको भी जीत लिया है। क्रोधादि चार कषायें कर्मबन्धनकी कारण हैं तथा विकारीभावरूप हैं। कषायबन्धनके जीतनेपर ही आत्मा वीतराग होता है । चन्द्रप्रभ भगवान् जिन और वीतराग हैं। इसीलिए वे इन्द्र आदि महान् आत्माओं द्वारा पूज्य हैं और गणधरादि ऋषियोंके इन्द्र (स्वामी) हैं । यह श्री चन्द्रप्रभ जिनके अन्तरंग स्वरूपका वर्णन है। __ यहाँ विशेष दृष्टव्य यह है कि संस्कृत टीकाकारने 'जितस्वान्तकषायबन्धम्' के अतिरिक्त 'जितास्वन्तकषायबन्धम्' तथा 'जितास्वान्तकषायबन्धम्' ये दो पाठ और बतलाये हैं । 'जितास्वन्तकषायबन्धम्' का अर्थ है-जिसका सरलतासे विनाश Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004001
Book TitleSwayambhustotra Tattvapradipika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherGaneshprasad Varni Digambar Jain Sansthan
Publication Year1993
Total Pages214
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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