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मैंने कुण्डलपुरमें श्री बाबा गोकुलचन्द्रजीसे प्रार्थना की कि 'महाराज ! मुझे सप्तमी प्रतिमाका व्रत दीजिए।....आप हमारे पूज्य हैं तथा
आपमें हमारी भक्ति है, अतः व्रत दीजिए।'..... बाबाजीने विधिपूर्वक मुझे सप्तमी प्रतिमाके व्रत दिये। (पृष्ठ १७५)
सागर में वर्णी जी सिंघई जी के साथ (पृष्ठ २०६)
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