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कषाय
नहीं होतो उसी तरह मन्द कषायों के विकल्पों से कषायाग्नि की शान्ति नहीं होती । उपेक्षामृत से ही कषायाग्नि का आताप शान्त होता है।
१८. मोक्ष मार्ग का लाभ उसी आत्मा को होता है जो कषायों की दुर्बलता से परे रहता है।
१६. मन वचन काय का व्यापार व्यग्रता का उत्पादक नहीं, व्यग्रता की उत्पादक तो कषाय ज्वाला है। __२०. जिस वस्त्र पर नीला रंग चढ़ चुका है उस पर कुमकुम का रंग नहीं चढ़ सकता। इसी तरह जब कषायों के द्वारा चित्त रंजित हो चुका है तब शुद्ध चिद्रूप का अनुभव तो दूर रहा; उसका स्पर्श होना भी दुर्लभ है।
२१. कषाय का उदय प्राणीमात्र को प्रेरता है ! जब तक वह शान्त न हो केवल उपाय जानने से मोक्षमार्ग नहीं हो सकता अपितु उसके अनुसार प्रवृत्ति करने से होता है। __२२. कषाय दूर करने के लिये जन संसर्ग, विषयों की प्रचुरता, और विशेषतया जीभ को लोलुपता का त्याग आवश्यक है।
२३. जिसने कषायों पर विजय पाली, या विजय पाने के. सन्मुख है, वही धन्य है और वही सच्चा सन्मार्गगामी है।
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