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रामबाण औषधियाँ
रङ्ग से मैत्री भाव करो और प्रत्येक प्राणी के साथ अपने आत्मा के सदृश व्यवहार करो।
८. आत्मा को असन्मार्ग से रक्षित रखना, यही संसार रोग दूर करने की रामबाण औषधि है।
६. परिग्रह ही सब पापों का कारण है, इसकी कृशता ही रागादिक के अभाव में रामबाण औषधि है ।
१०. सच्ची औषधि परमात्मा का स्मरण है इससे बड़ी कोई रामबाण औषधि नहीं ।
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