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विनय
१. विनय का अर्थ नम्रता या कोमलता है। कोमलता में अनेक गुण वृद्धि पाते हैं। यदि कठोर जमीन में बीज डाला जाय तो व्यर्थ चला जायगा । पानी की बारिष में जो जमीन कोमल हो जाती है उसी में वीज जमता है । बच्चे को प्रारंभ में पढ़ाया जाता है
“विद्या ददाति विनयं बिनयाद्याति पात्रताम् । पात्रत्वाद्धनमाप्नोति धनाद्धर्मं ततः सुखम् ।।"
“विद्या विनय को देती है विनय से पात्रता आती है, पात्रता से धन मिलता है, धन से धर्म और धर्म से सुख प्राप्त होता है।"
२. जिसने अपने हृदय में विनय धारण नहीं किया वह धर्म का अधिकारी कैसे हो सकता है ?
३. विनयी छात्र पर गुरु का इतना आकर्षण रहता है कि वह उसे एक साथ सब कुछ बतलाने को तैयार रहता है।
४. आज की बात क्या कहें ? आज तो विनय रह ही नहीं गया। सभी अपने आप को बड़े से बड़ा अनुभव करते हैं । मेरा मान नहीं चलाजाय इसकी फिकर में पड़े हैं, पर इस तरह किसका मान रहा है ? आप किसी को हाथ जोड़कर या
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