________________
उदासीनता
१. विषय कषायों में स्वरूप से शिथिलता आ जाने का नाम उदासीनता है।
२. यद्यपि परिग्रह के विषय में उदासीनता कल्याण की जननी है परन्तु धर्म के साधनों में उदासीनता का होना अच्छा नहीं है।
३. उदासीनता हो वैराग्य की जननी और संसार की जड़ काटने वाली है।
४. उदासीनता का अर्थ है कि पर से आत्मीयता छोड़ो ।
५. चाहे घरमें रहे चाहे वनमें जो उदासीनता पूर्वक अपना जीवन विताता है उसीका जीवन सार्थक है ।
६. उपेक्षा भाव उदासीनता का पर्यायवाची है और चित्त में राग द्वेष रूप विकल्पका न होना ही उपेक्षाभाव है।
७. उदासीनता सम्यग्दृष्टिका लक्षण है । यह जिसके जीवन में उतर आई वही वास्तव में सम्यग्दृष्टि है।
८. जो कुछ होता है प्रकृतिके नियमानुसार होता है उसमें कतत्व बुद्धिका त्याग करना ही उदासीनता है।
६. जैसे कमल जलमें रह कर भी उससे जुदा है वैसे ही
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org