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वर्णी-वाणी
२६. संयम का उदय इसी मानव पर्याय में होता है अतः संसार नाश भी इसी पर्याय में होता है। क्योंकि संयमगुण आत्मा को संसार के कारणभूत विषयों से निवृत्त करता है।
Saex
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