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________________ ३६२ समयसार दसणणाणचरित्तं किंचि वि णत्थि दु अचेयणे काये। तह्या किं घादयदे चेदयिदा तेसु कायेसु ॥३६८।। णाणस्स दंसणस्स य भणिओ घाओ तहा चरित्तस्स। ण वि तहिं पुग्गलदव्वस्स को वि घाओ उ णिहिट्ठो।।३६९।। जीवस्स जे गुणा केइ णत्थि खलु ते परेसु दव्वेसु। तह्मा सम्माइट्ठिस्स णत्थि रागो उ विसएसु।।३७०।। रागो दोसो मोहो जीवस्सेव य अणण्णपरिणामा। एएण कारणेण उ सद्दादिसु णत्थि रागादि ।।३७१।। अर्थ- दर्शन, ज्ञान और चारित्र ये तीनों अचेतन विषय में कुछ भी नहीं हैं, इसलिये चेतयिता उन विषयों में क्या घात करे? दर्शन, ज्ञान और चारित्र ये तीनों अचेतन ज्ञानावरणादि कर्मों में कुछ भी नहीं हैं, इसलिये चेतयितिा उन कर्मों में क्या घात करे? इसी प्रकार दर्शन, ज्ञान और चारित्र ये तीनों अचेतन काय में कुछ भी नहीं हैं, इसलिये चेतयिता उस काय में क्या घात करे? जैसा दर्शन, ज्ञान और चारित्र का घात कहा गया है वैसा पुद्गलद्रव्य का कोई भी घात नहीं कहा गया है। जीव के जो कोई गुण हैं वे निश्चय से परद्रव्यों में नहीं रहते, इसलिये सम्यग्दृष्टि जीव के विषयों में राग नहीं होता। राग, द्वेष और मोह ये जीव के ही अनन्य परिणाम हैं। अर्थात जीव के साथ इनका अनित्य तादात्म्य है। यही कारण है कि शब्दादिक विषयों में ये रागादिक नहीं हैं। विशेषार्थ- निश्चय से जो धर्म जहाँ होता है उस वस्तु के घातने से वह धर्म भी घाता जाता है। जैसे प्रदीप के घात से प्रकाश भी घाता जाता है। उसी तरह जिसमें जो होता है उसका घात होने पर भी घाता जाता है। जैसे प्रकाश का घात होने पर प्रदीप का भी घात होता है। अर्थात् प्रदीप में प्रकाश रहता है और प्रकाश में प्रदीप रहता है, इसलिये एक दूसरे का घात होने पर दोनों घाते जाते हैं। परन्तु जो जिसमें नहीं होता वह उसका घात होने पर नहीं पाता जाता, जैसे घटका घट में रखा हुआ दीपक नहीं पाता जाता। उसी तरह जो जिसमें नहीं होता वह उसका घात होने पर नहीं पाता जाता, जैसे घटके भीतर स्थित प्रदीप का घात होने पर घट नहीं पाता जाता। उसी प्रकार आत्मा के धर्म जो दर्शन, ज्ञान और चारित्र हैं Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003994
Book TitleSamaysara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaneshprasad Varni
PublisherGaneshprasad Varni Digambar Jain Sansthan
Publication Year2002
Total Pages542
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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