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________________ १७६ समयसार नहीं करते, केवल उनके दिव्य ज्ञान में सम्पूर्ण पदार्थ अनायास प्रकाशित हो रहे हैं। ऐसी श्रुतज्ञानी भी जब वस्तुस्वरूप को सर्वनयपक्ष का त्याग कर शुद्ध रूप से अनुभवता है तब नयपक्ष का ज्ञाता ही है। सम्यग्दृष्टि जीव सविकल्पदशा में भी एक नयपक्ष को ग्रहण नहीं करता है। यदि सर्वथा एक पक्ष का ग्रहण करे तो मिथ्यादृष्टि हो जावे, क्योंकि वस्तु अनन्त धर्मात्मक है, न तो सर्वथा नित्य है और न सर्वथा अनित्य है किन्तु नित्यानित्यात्मक है, जो कि प्रमाण का विषय है। अत: शुतज्ञानी भी यथार्थ वस्तु का अवगमन करने से नयपक्षरहित ही है।।१४३।। आगे श्रुतज्ञानी जैसा अनुभव करता है वह कलशा के द्वारा दिखलाते हैं स्वागताछन्द चित्स्वभावभरभावितभावाऽभावभावपरमार्थतयैकम् । बन्धपद्धतिमपास्य समस्तां चेतये समयसारपमारम् ।।९२।। अर्थ- श्रुतज्ञानी जीव ऐसा अनुभव करता है कि मैं समस्त बन्धपद्धति को त्यागकर उस अपार समयसार का अनुभव करता हूँ जो चैतन्यस्वभाव के समूह ही में होनेवाले भाव-उत्पाद, अभाव-व्यय और भाव-ध्रोव्य की परमार्थता से एक है। भावार्थ- यद्यपि उत्पाद-व्यय-ध्रौव्य के कारण समयसार में त्रिरूपता आती है, परन्तु वह उत्पादादिक का चित्र एक चैतन्यस्वभाव में होता है, इसलिए समयसार की एकरूपता खण्डित नहीं होती।।९२।। आगे पक्षातिक्रान्त ही समयसार है, यह स्थित हुआ, यही दिखाते हैं सम्मइंसण-णाणं एवं लहदि त्ति णवरि ववदेसं। सव्वणयपक्खरहिदो भणिदो जो सो समयसारो ।।१४४।। अर्थ- जो सम्पूर्ण नयपक्ष से रहित है वही समयसार कहा गया है। विशेषता यह है कि यह समयसार सम्यग्दर्शन और सम्यग्ज्ञान इस नाम को प्राप्त होता है। विशेषार्थ- समस्त नयपक्षों द्वारा अक्षुण्ण होने के कारण जिसमें समस्त विकल्पों का व्यापार विश्रान्त हो चुका है, ऐसा जो आत्मा का परिमाण है वही समयसार है। यह समयसार एक होकर भी सम्यग्दर्शन और सम्यग्ज्ञान इस संज्ञा को प्राप्त होता है, क्योंकि प्रथम ही श्रुतज्ञान के बल से ज्ञानस्वभाव आत्मा का निश्चय कर तदन्तर शुद्धात्मतत्त्व की अनुभूति के लिए परख्याति-परद्रव्याभूति Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003994
Book TitleSamaysara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaneshprasad Varni
PublisherGaneshprasad Varni Digambar Jain Sansthan
Publication Year2002
Total Pages542
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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