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वह बोली - हे राजन् ! तुम जनता का पालन करते हो। तुम्हारे मुख से यह वाणी शोभा नहीं देती। जो तपस्वी होते हैं, दुर्बल होते हैं, आसरा रहित होते हैं और जो प्रोषितभर्तृका (बदचलन औरत) होती है, उनको भी राजा अपने धर्म मार्ग पर स्थापित कर देता है। यदि बाड़ भी खेत को खाने लग जाए तो उसका रक्षण कौन करेगा? मैं अपने पूर्व पति जिसके साथ मैंने सात फेरे लिए हैं, उसको छोड़ कर किसी को भी पति के रूप में स्वीकार नहीं करूँगी। यदि तुम मेरे साथ बलात्कार करोगे तो मैं मौत को गले लगा
लूँगी और उस हत्या का आरोप आप पर लगेगा। हे राजन् ! आप प्रजापालक हैं, आपको इस प्रकार नहीं करना चाहिए और इस प्रकार की बोली भी नहीं बोलनी चाहिए।
राजा ने उसको राजकुल में ही रोक लिया।
इधर राजा ने अपने कर्मचारियों को भेज कर धीर कौटुम्बिक को सपरिवार वहाँ बुलवाया। जब कर्मचारियों ने जाकर धीर कौटुम्बिक को चलने के लिए कहा, तब वह धीर अपने लड़कों से बोला - न जाने राजा हमारे साथ क्या सलूक करना चाहता है? पहले तो इस दुष्ट राजा ने हमारी - छोटी बहू को कैद कर लिया, अब हम सब को बुला रहा है, हमने राजा का कुछ बिगाड़ा तो है नहीं, फिर राजा हमारे पीछे हाथ धोकर क्यों पड़ा है? कहावतों के अनुसार राजा दुष्ट ही होता है। कहा भी है
वेश्याऽक्का नृपतिश्चौरो, नीरमार्जारमर्कटाः। जातवेदाः कलादाश्च, न विश्वास्या इमे वचित्॥
अर्थात् - वेश्या, कुट्टिनी, राजा, चोर, जल, बिल्ली, बंदर, आग और कलाल (शराब बनाने वाला) इनका विश्वास कभी नहीं करना चाहिए।
डरते हुए धीर कौटुम्बिक अपने परिवार के साथ राजा के सामने हाजिर हुआ।
____ राजा ने कहा - तुम लोग तालाब की खुदाई अच्छी तरह नहीं करते हो, इसलिए मैं तुम सबको जेल में बंद करवा दूंगा।
शुभशीलशतक
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