SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 209
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ चेतन्यकर्मचरित्र कार ॥किहि विधिव्योंअव्रतपूरसार ॥१॥ सुनटसाततिनकोउखकरे ॥ तिनविनुंआजनिकसकोंबरे ॥ जोहोवेतेसूरषधांन॥तोलेतेअव्रतपूरथां न ॥ २ ॥ एसेंबचनमोहनृपकहे ॥ रागक्षेषतबअतितरचहे ॥ हाहाप नुएसेक्योंकहो॥ एकहमारीसिदालहो ॥३॥ सुनटतुम्हारेअरुबहुवीर। तिनमेजानहुंसाहसघार ॥ तिनकोंआग्यापनुजीदेहुं ॥ एहिविधिअब तपुरतुमलेहूं ॥४॥ तबेमोहनृपबीराधरे ॥ कौनसुनटआगव्हेल रे॥ त बबोलेअप्रत्याख्यान | मेजीयोअबकेंदल ग्यान ॥ ५ ॥ कहेमोहन पकिहिविधिवीर ॥ मोहिबतावोसाहसधीर ॥ बोले अपात्याख्यानप्रका स ॥ सुनहोषनुमेरीअरदास ॥६॥ मेंअव्रतपूरमेंबिपीजा ॥ चैतनन्या नवसेतिहांग ॥ संगलेसबअपनेलोग ॥ नानाविधिपरकासोनोग। उनकेउपसमवेदकनाव ॥ टोपसमवसुनेदल खाव ॥इनकथिरताबहू कबुनाहि ॥ बिनसमकितबिनमिथ्यामाहिं ॥ ७ ॥ ख्याएकएकमहाजे जोर ॥ पहिलोप्रगटेन हिनहितोर ॥ तोलौदेखोमेक्याकरोंव्रतके नाव सरवथाहरों ॥ ॥ अवतमेन पसमहटिजाटा ॥ जिवकरेपापपून्यमनला य॥ तबव्हमगनहोयटाहसंग ॥ जीतीले वहसरवंग ॥ ए ॥ इहविधि जीयोपरदल जाटा ॥ जोमुहिंाग्यादीजेराटा॥ तवमोहनृपचिंतेसही। यहतोवातनलाइनकही ॥१७॥ सिधिकरहुंतुमअपत्याख्यान ॥ लेहो सूरसंगजेबलवान॥ हिविधआटोपूरकेमाहिं ॥ न्यानीविनुजानेकोक नाहिं ॥१५॥ निजविद्यापरकासेसही ॥ नानाविधिकोधादिकल ही ॥ ताकेंनेदअनेकप्रकार ॥ कॉलोंकहीटोंबहुविस्तार ॥ १२॥ . ॥दोहा॥ एहविधिसबहिसनले ॥ आटोअप्रत्याखान ॥ अव्रतपूरमपविके॥ करेव्रतकीहांन ॥ १॥ ताकेपीजे मोहनर ॥ आदोसबदल जोर ॥ महा Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003991
Book TitleDevchandraji krut Chovishi Balavbodh
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages226
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy