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________________ विमलवमतिलेखाः । ज्ञातीय भां जसधवल भार्या लक्ष्मी आत्मश्रेयो ार्य देवश्रीअण(न)तनाथप्रतिमा कारिता ॥ मं०] १२४५ वर्षे वैशाष(ख) वदि ५ गुगै ॥ श्री अनंतनाथ ॥ प्राग्वाटज्ञातीय भां० जसधवल भायां लक्ष्मी ॥ देवश्री अनंतनाथम्य ॥ श्रावण वदि ७ चवणं ॥ वैशाष(ख) वदि १३ जम्मा !! वैशाख ] वदि १४ दिक्षा ॥ [ वैशाख वदि ११ ] ज्ञानं ॥ चैवात्र) शुदि ५ मोग्वो ॥ १२० । सं०] १३७८ वर्षे ओउत्रवाला !) सामंत पुत्र लाहड भार्या लख(१ )मी पू (पु) • पुनिया कुसलिया लाखण झांझण हरदेव तेजाकैः पितृमातृश्रे० कारितं प्रतिष्ठितं श्रोधर्मसरिपट्टे श्रीज्ञानचंद्रमरिभिः । सा० धनसिंह भार्या मा० धांधलदेवी पुत्र श्रे० साल वीजडेन कारितं ।। संवत् १२४५ वर्षे वैशाख वदि ५ गुगै श्रीयशोदेवसरिशिष्य श्रीदेवचंद्रसरिभिः श्रीअरनाथप्रतिमा प्रतिष्ठिता ॥ प्राग्वाटज्ञातीय भां० जसधवल सुत शालिगेन आत्मना :) श्रेयो ऽार्य देवकुलिका कारिता ॥ संव. १२४५ वर्षे) वैशाष (ग्व वदि ५ गुगै श्रीमावाटवंशीय Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003986
Book TitleArbud Prachin Jain Lekh Sandohe Abu Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayantvijay
PublisherVijaydharmsuri Jain Granthamala Ujjain
Publication Year1994
Total Pages762
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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