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चर्च रिका
७
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बलि किजउं तसु धमियह इंदु पसंसह सग्गि ॥ २२ ॥ जे मलि मइला पहियडा ते मइला म भणेजे। पावमली जे भइलिया ते मइला ह सुणेजे ॥ २३ ॥ एउ वाउह लोडउं कोटउं तलि गिरिनारु ।
ओ दीसइ ववणथली धवलियतुंगपयार ॥ २४ ॥ घर पुर देउल धवलिया धज धवली दीसंति । धंमी सा ववणथली ऊजिलितलि निवसंती ॥ २५ ॥ वउणथली मेलेविणु जउ लागउ गढमग्गि। तउ धंमिउ आणंदियउ हरिसु न माइउ अंगि ॥ २६ ॥ रिसहजिणेसरु वंदियउ गढि आवासु करेवी। नाचइ धंमिउ हरसियउ हियडइ नेमि धरेवी ॥ २७ ॥ गदु वोली जउ चालीयउ तउ मणि पूरिय आस । बलि किजउ हउं जंघडिय जोयण वूढ पंचास ॥ २८ ॥ टोलह उपरि मागडउ सो लंघणउ न जाइ। पाउ खिसियउ विसमउ पडइ हियं विअडई थाई ॥ २९ ॥ अंचणवाणी नइ वहइ दिट्ट दमोदरु देउ । अंजणसिलहिं जि अंजिया धन्न ति नयणा बेउ ॥ ३० ॥ तरवरुतणइ पलांवडे रुद्धउ मागु जंघेवि । कालमेघु जोहारियउ वस्त्रापदि जाएवी ॥ ३१ ॥ अंबाजंबूराइणिहिं बहु वणराइ विचित्त । अंबिलिए करवंदिएहिं वंसजालि सुपवित्त ॥ ३२॥ नीझरपाणिउ खलहलइ वानर करहिं चुकार । कोइलसहु सुहावणउ तहिं डुंगरि गिरिनारि ॥ ३३ ॥ जउ मई दिट्ठी पाजडी उंच दिह चडाऊ। तउ धंमिउ आणंदियउ लड सिवपुरि ठाउ ॥ ३४ ॥ हियडा जंघउ जे वहई ता ऊजिंति चडेजे । पाणिउ पीउ गइंदवइ दुख जलंजलि देजे ॥३५॥ गिरिवाइं झंझोडियउ पाय थाहर न लहंति । कडि नोडई कडि थक्की हियडर्ड सोसह जंति ॥ ३६ ॥ जाव न धंधलि घल्लिया लखुपत्तीपाण ।
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