SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 936
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ दानवीरका स्वर्गवास । [ ८३९ छे, ते प्रमाणे दानवीर शेठ माणेकचंदजीनी यादगीरी हरहमेश कायम रहेवाने स्मारक फंड खोलवानी जरूर छे, जेथी मुंबाईमां एक स्मारक फंड खोलवामां आव्युं छे, तेम अत्रे ( सुरतमां ) पण एक " दानवीर शेठ माणेकचंद हीराचंद स्मारक फंड" खोलवामां आव्यु छे अन तमां दिनपर दिन रकमो भराती जाय छे अने आवतो जाय छे, तेथी आ फंड गंजावर थगनी आशा बंधाय छे, माटे "दिगंबर जैन," ना वहाला वांचको ! माणकचंद शेठे आपणे माटे घणुन कर्यु छ, तेनो बदलो आपवा कोई पण समर्थ नथी, छतां पण 'फुल नहि अने फूलनी पांखडी' नी उक्ति मुजब तेमण करेलां कार्योना बदला तरीके आ स्मारक फंडमां कई ने कई रकम भरीने तरतन अत्रे (मनीओर्डरथी) मोकलो, केमके " तरत दान महा कल्याण " छे अने आवा कार्यमां उघराणी ! करवानुं के उधार : राखवायूँ होयज नहि. जीवनचरित्रनी जरूर. दानवीर शेठ माणेकचंदजी त्रण वर्ष थयां अमने कहेता हता के मारूं जीवनचरित्र तमे मारी हयातीमां बहार पाडो, पण अमारे पारावार दिलगीरी सार्थ जणाव_ पडे छे के अमो ए दानवीर शेठनी आ सूचना अमलमां लावी शक्या नथी, पण हवे एमनुं गंजावर जीवनचरित्र २५ थी ५० चित्रोसहित जन्मथी स्वर्गवराम सुधीना लंबाण इतिहास साथे बहार पाडवानो प्रयास करवानो अमारो इरादो ढे अने ते फळिभूत करवा अमो भाग्यशाळी थईए एन अमारी आंतरिक इच्छा छे ! मूलचन्द किसनदास कापड़िया ( संपादक ) ( 'दिगम्बर जैन' वर्ष ७ अंक १०) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003979
Book TitleDanvir Manikchandra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulchand Kishandas Kapadia
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages1016
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy