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________________ ७९८ ] अध्याय बारहवां । आप शोकको त्याग करें और धैर्य धारण करें और सर्वज्ञ देवसे प्रार्थना करें कि सेठनीकी आत्माको भव २ में शांति मिले।.... ___ आपके दुःखका साथीदयाचन्द गोयलीय, बैरूनी खंदक-लग्वनऊ । परम स्नही परम विवेकी शेठ नवलचंद हीराचंद जोग___ आजे सवारे एकदम ओचिंता शेट माणेकचंदजीना स्वर्मवास थवाना समाचार तार द्वारा सांभळी अजायबी अने दिलगीरीनो पार रह्यो नथी के ओचिंतुं आ शुं थई गयु ! कांईपण मांदा वगर आम ओचिंतु मृत्यु थवाना समाचार सांभळी हैयुं भराई आवे छे ने शुं लखवू. ते समज पडती नथी. आथी दिगंबर जैन कोम उपर तेमां आपना कुटुंब उपर आ फटको जेवो तेवो लाग्यो नधी अने आ घा कदी रुझाय एम नथी. आम ओचितुं थवाथी घणी घणी बाबतोना खुलासाओ करवाना आपने रही गया हशे तेम अमारा पण मनना उमेद मनमा रही गया केमके घणी बाबतोना खुलासा अमने करवाना हता. शेठजी! आ गमगीन बनावथो आपना कुटुंब उपर जे कवखतनुं अने ओचिंतुं दुःख आवी पडयुं छे तेमां अमो अंत:करणथी भाग लीए छिए. आवतुं ' दिगंबर जैन ' आ शोक समाचार सहित बहार पाडवू पडशे, माटे शेठे जे पोता पाछळ वापरबानी व्यवस्था माटेनुं वील करेलुं छे तेनी नकल अमने बीडी आपशो तथा शेठजीना पुत्रनुं नाम शुं छे अने उमर शुं छे ते जणावशो. महेरबानी करी विगतवार समाचार लखशो तो उपकार थशे. एज कामकाज लखशो. अत्रे आजे चंदावाडीमा स्नान मंडाया हता. रडवा कुटवार्नु बंध राखवामां आव्युं हतुं ने धर्मनां गीतो गवायां हतां.... आपनो आज्ञाकारी-मूलचंद किसनदास कापड़िया-सूरत. Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003979
Book TitleDanvir Manikchandra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulchand Kishandas Kapadia
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages1016
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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