SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 777
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ६९८ । अध्याय बारहवां । आए । वहांसे श्री शिखरजीकी यात्रा करते हुए आप ता० २. मनवरीको माह सुदी १ के दिन पीछे बम्बई आए। आपने अपनी यात्राका हाल अपने हाथसे लिखकर “दिगम्बरजैन” पत्र फाल्गुण सं० १९६८ अंक ५ में प्रकाशित कराया है सो नीचे प्रमाण है-- ब्रह्मदेशनो प्रवास. व्हाला बंधुओ ! गत मासमां अमोए रंगुन (ब्रह्मदेश)नी मुसाफरी करी हती, जेमांनी केटलीक जाणवा लायक हकीकत अबो प्रकट करवानुं योग्य धारीए छीए केमके एथी ब्रह्मदेशनी स्थिति अने देखाव- भान वांचकोने मळी शकशे. प्रथम हमो ता. २६-१२-११ (पोस सुद ५) ने दिने मुंबईथी नीकळी ता. २८मीए सांजे हावरा (कलकत्ता) स्टेशने पहोंच्या, ज्यांथी हेरीसन रोडपर आवेली हरकीसनदास बाबूनी दिगंबर जैन धर्मशाळामां उतर्या, जे पछी ता. ३१-१२-११नी सवारे रंगुन जती मेल स्टीमरमां जवाने रेमघाट उपर आव्या, के जे घाट एटना गार्डननी सामे चांदपाल घाट नजीक आवेलो छे. त्यां सामे एलेनकोरा स्टीमर आवेली हती तेमां जईने अमारी जग्याए बेठा. ए स्टीमरनी टिकिट त्रण वर्गनी होय छे, तेमां पहेला वर्गना रु.९५), बीजा वर्गना रु. ४५) अने त्रीजा वर्गना रु. १०) होय छे. अने टिकिट स्टीमरना उपडवाना मुकरर दिवस पहेलां पण मळी शके छे. आवी रीते अठवाडीआमां त्रण स्टीमरो कलकत्तेथी रंगुन जाय छे. - हवे स्टीमर कलाक ७-१० मीनीटे बारा उपरथी उपडी.. Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003979
Book TitleDanvir Manikchandra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulchand Kishandas Kapadia
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages1016
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy