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________________ महती जातिसेवा द्वितीय भाग [५०३ उसी समय सेठजीने आगरा बोर्डिंगके लिये जमीन खरीदने को ४०००) देना कबूल किया, उपस्थित आगरा बो० के लिये भाईयोंने ९ कमरोंके लिये पांच पांचसौ ४०००) का दान। रुपये स्वीकार किये । लाला गोपीनाथनीने ३ हजारका एक मकान व दो कमरे मंजूर किये । बहुतोंने मासिक चंदा लिखाया व एक मुष्ट रकम भी लिखी . गई। थोड़ी देरमें २००००) बीस हजारसे अधिकका चंदा हो गया। इस जलसेमें रायबहादुर घमंडीलालजी मुजफ्फरनगर भी थे । आपने भी २ कमरे बनवाना स्वीकार किये । प्रबन्धार्थ एक कमेटी बनी, जिसके मंत्री राय० ब० घमंडीलाल व उपमंत्री डॉ० दलीपसिंह हुए। दूसरे दिन अंतरंग कमेटीमें नियमावली पास की गई तथा तय हुआ कि मोतीकटरेकी धर्मशालामें इसका महूत ता० १ अप्रैल सन्०७ को कर दिया जाय । कुछ छात्रोंने रहना स्वीकार किया था, सो सेठजीके सभापतित्वमें सबेरे मोतीकटरेमें सभा हुई। बहुल भाई पधारे थे । आचार और शिक्षापर बाबू शीतलप्रसाद और लाला लाडलीदास हेडमाष्टर नार्मल स्कूलने मनोहर व्याख्यान दिये। सेठनीने बोर्डिंगका एक कमरा खोला और समा सानन्द समाप्त हुई। उस समय सभाका फोटो भी लिया गया। सेठनीकी यह रीति थी कि पहले मामूली स्थानपर बोर्डिंग शुरू करना फिर उसके लिये मकान तय्यार कराना इसीसे यह मुहूर्त किया गया। पर जिन छात्रोंने आनेका वादा किया था वे भी न आए, इधर उत्साही दलीपसिंह आगरासे चले गए जिससे बोर्डिंगकी कार्रवाई वैसी ही रही। फिर पत्रव्यवहार होता रहा तब आगरावालोंने यही कहा कि Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003979
Book TitleDanvir Manikchandra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMulchand Kishandas Kapadia
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages1016
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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