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अध्याय दशवां ।
दिगम्बर जैन श्वेतांबर जैन ब्राह्मण बनिये परचूरण हिन्दू
१०४४
४७० १५२१
२२६०
कुल ५९८६ सन् १९१४ में २९५४९ की हाजरी थी जिनमें नये बीमार ६२७२ इस प्रकार थे
दिगंबरी जैन १०७० श्वेतांबरी जैन ६२१ ब्राह्मण ११०८
बनिये .. परचूरण हिन्दू २७८३
कुल ६२७२ दवाखानमें शोलापुर औषधालयमें पढ़ा हुआ दि० जैन वैद्य भरमण्णा बम्मण्णा उपाध्याय हैं, जो बहुत ही योग्य हैं। दवा करने में नामांकित हो गया है।
लेक्चर हाल में सन् १९१२ में ८५ व १९१४ में । १३० भाषण हुए । आफिस रूपमें हीराबाग धर्मशालाकी आफिसके सिवाय भा०दि० जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी व बम्बई प्रान्तिक सभा व जैनमित्रके आफिसोंको भी उदारतासे स्थान दिया गया । ट्रष्टकी नकल पीछे दी हुई है।
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