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समाजकी सच्ची सेवा । सेठ चुन्नीलाल झवेरचन्द और लाला रघुनाथदास सरनौ सहायक महामंत्री नियत हुए। जबसे बम्बई प्रान्तिकसभाने यह खाता खोला था और चुन्नीलालनीको तीर्थक्षेत्रका मंत्री नियत किया था तबसे यह तीर्थोके सुधारमें, हिसाब मंगाने आदिमें पूर्ण प्रयत्नशील थे। - सेठ चुन्नीलालजीने भादवा सुदी ५ तक प्रांतिक सभा बम्बईकी
रिपोर्ट में अपनी जो रिपोर्ट प्रगट कराई है सेठ चुन्नीलालका उससे विदित हुआ कि आपने ३८ स्थानों. परिश्रम । में व्यवस्था व हिसाबक फार्म भेजे व पत्र
व्यवहार किया जिससे २१ स्थानों के फार्म भरकर आए तथा डाह्याभाई शिवलाल इंस्पेक्टरद्वारा तीर्था का निरीक्षण भी कराया। आपने अपनी रिपोर्ट के अन्तमें ये शब्द दिये हैं:
- इस प्रकार २१ फार्म आए हैं । यद्यपि सर्वकी हिसाब प्रथा उत्तम नहीं है, दो चारको छोड़ और न हिसाबोंको देख संतोप हो सक्ता है तौभी हम सच्चे दिलसे प्रबन्धकर्ताओं और मुनीमोंकी फार्म भेजनेकी मिहरबानीका धन्यवाद देते हैं । महारान सप्तम एडवर्डके राज्यारोहणके उपलक्ष्यमें भारतके
___ वाइसराय लार्ड कर्जनने ता० १ जनवरी दिहली दार । सन् १९०३को दिहलीमें एक बड़ा भारी
दर्बार किया था, जिसका एम्फी थियेटर दिहलीसे ५ मीलपर बना था जिसमें २५ ब्लोक थे। भारतके राजा महाराजा रईस आदिके सिवाय, नेपाल, फारस, अफगानस्तान आदिके भी प्रतिनिधि आए थे । १२००० से अधिक भीड़ थी। विलायतसे डयूक आफ कोनाट भी पधारे थे। लाट साहबने दर्बारमें
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