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गुजरात देशके सूरत शहरका दिग्दर्शन । [१३
अध्याय दूसरा।
गुजरात देशके सूरत शहरका दिग्दर्शन । वास्तवमें वह देश अवश्य सौभाग्यशाली होता है जहां महान्
व उत्तम पुरुष जन्म लेते हैं। उत्तम पुरुषोंका गुजरातका महत्त्व। शरीर जिप्त प्रदेशके अन्न, जल व वायुसे
वृद्धि पाता है, छोटेसे बड़ा होता है, वह प्रदेश वास्तवमें पुण्यशाली है। किसी स्थानको भाग्यवान् कहनेसे उन मानवोंके भाग्यवान् होनेका ही उपचार होता है। गुजरात देश ऐसा ही एक देश है जहां जैनधर्मकी मान्यताके अनुसार श्रीरामचन्द्रजीके सुपुत्र लव और अंकुशने मुनि हो विहार किया, धर्मापदेश दे अनेकोंको स्वसंवेदन ज्ञानसे उत्पन्न आत्मानंदका पान कराया और अंतमें प्रसिद्ध चांपानेर नगरके निकटस्थ पावागढ़ पर्वतके शिखरपर ध्यान धर कर्म इंधनको जला और केवलज्ञान ज्योतिको प्रगट कर अर्हत हो अनेकोंको शुद्ध धर्म मार्गपर चला तथा शेष कर्मोसे आत्माको छुड़ा पवित्र हो परमात्मपदका लाभ किया। ___श्रीगिरनार, शत्रुजय, तारंगा, इन सिद्धक्षेत्रमय पर्वतोंसे शीघ्र गतिको प्राप्त होनेवाले श्रीनेमिनाथ, युधिष्ठिर, भीमसेन, अर्जुन, आदि अनेकों अगणित महात्माओंने इस गुर्जर देशको अपने विहारसे पवित्र कर इन पर्वतोंके शिखरोंसे मुक्तधामका परम अभिराम आनन्दका आस्वाद किया । मौर्य चंद्रगुप्तको सन् ई०के
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