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लखनऊ
लखनऊ का प्राचीन नाम लक्ष्मणपुर है। स्टेशनके पास श्री मुम्रालालजी बाबा कागजीकी धर्मशाला है। यहां कुल ६ मन्दिर हैं, जिनके दर्शन करना चाहिए । यहां कई स्थान देखने योग्य हैं। कैसरबागमें प्रान्तीय म्यूजियम में कई सौ दिगम्बर जैन मूर्तियों का संग्रह दर्शन है। जैन मूर्तियोंका ऐसा संग्रह शायद ही अन्यत्र कहीं हो। लखनऊसे हैद्राबाद जावें और जैन धर्मशालामें ठहरें। यहांसे ४ मोल इक्के या तांगेमें अयोध्या जावें। ___ इस प्रकार उपरोक्त वाक्यमें अयोध्या जानेको बात सुझाई गई है इसी परिच्छेदसे मिला हुआ आगे अयोध्या तीर्थको महत्ताको बताया गया है इस तरह तीर्थ प्रेमियों को इस पुस्तकके अध्ययनसे कितनी सुविधा हो जाती है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजपूताना, मालवा, बंगाल, बिहार, उड़ीसा, बम्बई, मद्राम, आदि प्रान्तोंमें समस्त तीर्थों का वर्णन है।
आजका व्यक्ति धन, सम्पत्ति के मायाजालमें पूरी तरहसे प्रसित दिखाई पड़ता है । छायाको कितना ही प्रयास किया जावे तो वह पकड़ने में नहीं आती हां यदि उस ओर ध्यान न दिया जावे, उसे पकड़ने का प्रयास न करें नो वह अपने आप पीछे पोछे दौड़ती है ठीक यही व्यक्ति धन सम्पत्ति की है। यदि आप मायासे अपना मन हटालें तो यह भौतिक सम्पदाएं आपके चरणों पर लौटती फिरैगो, अध्यात्म तो नकद धर्म है, त्यागका फल तुरन्त मिलता है फिर जिसे आत्मानन्द, या परमानन्द मिल जाता है उसके लिये यह भौतिक सम्पत्तियाँ फेकी लगने लगती हैं। __ लोगों की रुचि तीर्थोकी ओर अन्ध विश्वास या अन्ध भक्तिके रूपमें जाती है इसका बड़ा महत्व है धर्मका एक आवश्यक
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