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प्रकार बाबूजीने विदेशियोंके लिए भी अनेक संस्कृत व हिन्दी पुस्तकोंका अनुबाद अंग्रेजीमें किया तथा बिदेशियोंके द्वारा बिखे गये अनेक उपयोगी लेखोंका हिन्दी भाषा भाषियोंके लिए हिन्दी में अनुवाद किया। वैसे अनुवादका कार्य कोई विशेष महत्वपूर्ण नहीं है पर विशेषता तो इसमें है कि उसकी मौखिकलता समाप्त न होने पाये, यही बात इनके अनुवादित ग्रन्थों में पाई जाती है ।
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