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________________ (१५०) था। जो क्षण इस फरवरी मासमें मैंने उनके सामीप्यमें व्यतीत किये थे। वह क्षण मेरे जीवन के बहुमूल्य क्षण थे।...हमें उनकी स्मृति में कुछ क्रियात्मक कार्य करना है।" आदीश्वरप्रसाद जैन एम० ए० मंत्री जेन मित्रमण्डल-दिल्ली उन्होंने जैन समाजकी जो सेवा की है वह भुलाई नहीं जा सकती। उनके निधनसे जो समाजकी हानि हुई है उसकी पूर्ति होना सम्भव नहीं है। जे० एल० जैनी ट्रस्ट इन्दौर श्री. जी० ला० मित्तल पुरातत्व एवं पुराने शिलालेखों की खोज करके उन्होंने अनेक बार जैन धर्मकी प्राचीनताके सम्बन्धमें अपनी लेखनीके चमत्कार से विश्वको चकित कर दिया । बढेडवाल जैन संघ चन्द्रकुमार जैन मैनपुरी अध्यक्ष जैन इतिहासके खोजपूर्ण साहित्यके सृजन में आपने जो कार्य किया है वह अपूर्व है। आप जैन इतिहास के महान पंडित थे।" राजस्थान जैनसभा रतनलाल जैन छाबडा जयपुर मंत्री भारतका एकमात्र प्रकाशित नक्षत्र अहिंसाका पुजारी, भारतका एकमात्र प्रकाशित नक्षत्र आजसे एक हफ्ते पूर्व स्वर्गगामी हुआ...इस महान वज्रपातको सहन Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003978
Book TitleKamtaprasad Jain Vyaktitva evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivnarayan Saxena
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages178
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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