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________________ तक सुनने को नहीं मिलता था। पर जिसे सुयोग्य माता मिल जाती है, उसका वातावरण कुछ नहीं कर पाता । वीर अभिमन्युने तो गर्भावस्थामें चक्रव्यूहकी बेधन क्रिया सीख ली थी, "मर्यादा-पुरुषोराम गम" और योगीराज कृष्ण अपने जीवन में जिस आदर्शवाद को लेकर आगे बढे वह उनकी माताका ही तो परिणाम था । वीर शिवाजीको उनकी माता जीजाबाईने बीरताकी कहानियाँ सुना सुनाकर बीर बना दिया था। महात्मा गांधीजीने भी धर्मकी सारी शिक्षा माताकी गोदमें सोखी थी। वास्तवमें माताकी गोदी सबसे बड़ी पाठशाला होती है। इस आदर्श पाठशालाम जिसको पढ़ने के लिये सौभाग्य प्राप्त हो जाता है फिर उसकी अधिकसे अधिक शिक्षा तो ४ या ५ वर्ष की आयु पूर्ण होते होते ही सीखने को मिल जाती है। ___आचार्य विनोबा भावेको आजीवन ब्रह्मचर्यपूर्वक जीवन व्यतीत कर समाजसेवाका व्रत लेनेका उपदेश मातासे ही प्राप्त हुआ था। वह कहा करती थीं "विवाह होनेसे तो एक पीढो तरती थी, पर ब्रह्मचर्यपूर्वक रहनेसे सात पीढ़ियां उऋण हो जाती हैं " भला इतनी शिक्षा पाकर बिनोबा उसे अपने जीवन में क्यों न क्रियान्वित करते ? यदि उनकी माता भी साधारण आज जैसी जननी रहीं होती तो विवाइके लिए जिद् करती रहती। मध्य प्रदेशके भूतपूर्व मुख्य मन्त्री श्री कैलाशनाथ काटजूने अपनी प्रगति का सारा श्रेय अपनी माता गमापारीबाईको हो "में भूल नहीं सकता" नामक पुस्तकमें दिया है। कामसे लेकर मत्सर तककी कुशिक्षा और ब्रह्मचर्य से लेकर सन्त बनने तककी सुशिक्षा मातासे ही मिलती है। जो माता जैसी होती है वह अपने बच्चेको वैसा ही बना देती है, उसके सूक्ष्म तत्वोंका समावेश उनकी सन्तानमें न चाहने पर भी हो Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003978
Book TitleKamtaprasad Jain Vyaktitva evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivnarayan Saxena
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages178
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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