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तथा जैनधर्म सम्बन्धी आस्था तथा कार्यको देखते हुवे हमें उनकी आवश्यकता और भी अधिक महसूस होती है ।
इन्दौर
राजकुमार सिंह
एम० ए०, एड० एड० बी० एफ० आर० ई० एस० -
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आपके खोजपूर्ण लेख, अकाट्य युक्तियों और श्रद्धापूर्ण भावों से भरे रहते थे। अब हमें उनसे वंचित होना पड़ेगा ।
रोहतक
जिनेन्द्रप्रसाद जैन एडवोकेट
वे स्वयं एक मिशन थे, पिछले अनेक वर्षोंसे मेरा उनसे सम्बन्ध था और बहुत ही स्नेहिल दृष्टि से वे देखते रहे। उनकी कार्यक्षमता, लगन और तत्परता के साथ प्रबुद्ध शैली और विचार सभी के लिये अनुकरणीय रहे और हैं। मैंने उनसे अनेक बातें सीखी हैं।
रीठी (कटनी) म० प्र०
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अद्भुत निष्ठा तथा शक्तिके धारक
संसार के रेगिस्तान में एक नखलिस्तानकी तरहसे बाबूजी बीतराग मार्ग संखारी दुःखी जीवोंको सुलभ करनेमें लगे थे । किन्तु संसार अभागा है । संसारकी अमित्यताको मूर्तिमती बनाकर बाबूजीने पर्याय असमय में ही परिवर्तन कर डी.अहो ! कितनी अद्भुत निष्ठा तथा शक्तिके धारक थे। ...... उनके सामने तो मैं क्या सब ही प्रमादी थे, क्योंकि वे कोटीभर के सूर्यास्त के पश्चात् दीपकों से ही काम चलाना पड़ता है ।
सुखमालचन्द्र जैन बी. ए.
सिविलियन स्टाफ आफीसर नई दिल्ली - १
प्रो० भागचन्द्र जैन 'मुनेन्द्र'
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