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________________ ( १३४ ) सात्विकताकी सीमा ही पार कर गया था ।... वे निष्ठावान सद्गृहस्थ थे, उनकी आत्मा हमें हो शांतिको प्रेरणा देगी, हम उनकी शांति के लिये क्या कामना करें ? सर्वसेवा संघ वाराणसी जमनालाल जैन | ★ कर्मठ सेवक वे एक कर्मठ सेवक थे, जिन्होंने अथक रूपसे जैन धर्म प्रचारका देश और विदेशमें बिगुल बजाया व युवकों में धर्मभावनाएं पैदा कीं । जैन मिशन आज अनाथसा हो गया है । दिगम्बर जैन समाज उज्जैन सत्यंधर कुमार सेठी । ★ आप कुशल बक्ता, सफल लेखक योग्य सम्पादक एवं महान नेता थे | आप मिलनसारिता तथा सज्जनताकी तो मूर्ति थे । हम अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विद्वानके निधन से स्वयं दुखी हैं ।" जैन पुस्तकालय (मिरजापुर) गुलाबचन्द जैन मंत्री * वे समाज के पुराने लेखक, पत्रकार एवं कर्मठ कार्यकर्ता थे । इतिहास सामग्री के प्रखर जानकार थे। अखिल विश्व जैन मिशन उनके सतत लगन एवं उद्योगका प्रतीक है । मा० दिगम्बर जैन महासभा अजमेर चौधरी सुमेरमल महामंत्री ★ समाजमें उनके कार्य लेख आदि अमर रहेंगे, लेखक कभी भी मरते नहीं हैं वे आज भी जीवित हैं और रहेंगे......समाज. उनकी सेवाओंका ऋणी है।" दिगम्बर जैन अयोध्यातीर्थ कमेटी ★ Jain Education International कामताप्रसाद जैन For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003978
Book TitleKamtaprasad Jain Vyaktitva evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivnarayan Saxena
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages178
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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