SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 146
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (१३३) वसुन्धराका महान नररत्न बाबूजी अखिल विश्व जैन मिशनके संस्थापक व संचालक तो थे ही किन्तु उनकी धर्म समाज सेबासे भी सारा जैन व अजैन जगत भलो प्रकार परिचित है। निःसन्देह वसुन्धराका एक महान नररत्न सदाके लिये आंखोंसे ओझल हो गया । ...... उनकी धर्म प्रचारको लगन गजबकी थी । दि० जैन माळवा प्रां० सभा, बड़नगर | फूलचन्द्र अजमेरा, महामंत्री । ★ अल्प साधनसे महान कार्य आज राष्ट्र और समाजको विश्वशांति में, योग दान देते रहने के लिये अहिंसा धर्मका ध्वज विश्व में फहरानेके लिये उनकी अत्यन्त आवश्यकता थी । इतिहास इस बात को कभी नहीं भूल सकता कि उन्होंने अल्प साधनसे वो महान कार्य किया है जो कि करोड़ों रुपये खर्च करने पर भी नहीं हो सकता था । मानवता के लिये किये गये महान कार्यों के प्रति मानव समाज बाबूजीका चिर ऋणी रहेगा। यह उनकी लेखनीकी ही महान शक्ति थी कि जिसने अनेकोंका जीवन ही पलट दिया, सत्य मार्ग प्राप्त करा दिया । मिशन म० प्र० प्रादेशिक शाखा, भोपाल | गुलाबचन्द्र पाण्ड्या ★ निष्ठावान सद्गृहस्थ उन्होंने जैनधर्म, समाज और साहित्यकी अनवरत सेवा की है और अपने जीवनको भी उन्हीं आदर्शों के अनुरूप ढालनेका प्रयत्न किया । अनेक तरुणों में उन्होंने सेबाकी प्रेरणा जगायी, ਹੋਰ साहित्यके प्रति निष्ठा पैदा की। उनका स्वभाव तो सरलता, For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org Jain Education International
SR No.003978
Book TitleKamtaprasad Jain Vyaktitva evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivnarayan Saxena
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages178
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy