________________
( १३० )
श्री जे० एल० जैनी के पदचिह्नोंका अनुकरण करते हुवे सराहनीय कार्य किया ।
२६-५-६४
★
डॉ० महेन्द्रसागर प्रचण्डिया एम० ए० पी० एच० डी० सह सम्पादक अहिंसा बाणी अलीगढ़ से लिखते हैं-" उनके द्वारा बच्चे मार्गका प्रतिपादन हुआ है हमें उसी पंथका अनुकरण कर आत्म कल्याण करना है | " २३-५-६४
श्री हीरालालजी पांडेय प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय विलहा, जि० बिलासपुर से लिखते हैं- "बाबू कामताप्रसादजीने 'जैन विश्व मिशन' के माध्यम से तथा 'अहिंसा बाणी' एवं 'बायस ऑफ अहिंसा' के द्वारा जैनधर्म, जैन दर्शन, जैन साहित्य और विश्वशान्ति तथा विश्व प्रेमको दिशामें जो बहुमुखी सेवा और श्रीबृद्धि की है वह 'जैन विश्व मिशन' और 'भारत के इतिहास' में स्वर्णाक्षरोंमें लिखी जावेगी । बाबू कामताप्रसादजी समुझत विचारक, सुधारक, प्रगतिशील, उच्च लेखक, स्पष्ट मित एवं मधुर भाषी, कुशल शासक एवं उच्च समाज-सेबी थे ।” २०-५-६४
★
अन्तर्राष्ट्रीय क्षति
"आदरणीय बाबूजीकी छत्रछाया हम लोगोंके ऊपर से उठ जानेपर हम सब लोग सभी भांति अपनेको असमर्थ पा रहे हैं । उनका सहसा निधन अलीगंज तथा राष्ट्रकी ही क्षति नहीं किन्तु अन्तर्राष्ट्रीय क्षति हुई ।"
श्री मंशीकाल सकसेना एम० ए० बी० एन्ड आचार्य, बी० ए० बी० इन्टर कालेज, अलीगंज (पता)
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org