________________
(१२८) "मुझे यह जानकर अत्यन्त खेद हुआ कि श्री कामताप्रसाद. जीका स्वर्गवास हो गया है। अभी कुछ ही माह पूर्व जब उन्होंने बहुत आग्रहपूर्वक मुझे अलीगंज बुलाया था तब कार्य के पति उनकी दिलचस्पो देखकर मुझे बहुत प्रसन्नता हुई थी। इस असामयिक निधनले निश्चय ही जो क्षति हुई है वह पूरी होना मुश्किल है।
काशचन्द्र शेठी
उपमंत्री केन्द्र. स्यात और भारी उद्योग
भारत सरकार नई दिल्ली
२५ ५-६४
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org