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अनन्य प्रचारिका डा० कैथेरीन निम्मो, प्रो० अर्नोल्ड कोसर सिंग जर्मनी, प्रो० ढोथर बेन्डेल पिलानी, श्री यूजेन जैसिर्याना वारसा पोलेण्ड, डा० नाग कलकत्ता, डा० गुलाबराय श्री कन्हैयालाल मिश्र प्रभाकर, डा० बासुदेवशरण अग्रवाल, डा० हीरालाल जैन, श्री अगर चन्द नाहटा, डा० हरदेव बाहरी, श्री महेन्द्र, डा० पदमसिंह शर्मा जैसे सैकडों विश्वविख्यात, सन्त महात्माओं, विद्वानों, और साहित्यकारोंके शुभ सन्देश तथा वैबाहिक जीवनपर महत्वपूर्ण विचार हैं
दूसरे भाग में प्रिय पुत्री सुमनसे सम्बन्धित ही अनेक कविताएं हैं, जिनमें श्री मिलफोर्ड अमेरिका, पद्मश्री विभूषित डॉ० लक्ष्मीनारायण साहू, श्री हरिशंकर शर्मा, गुंजन, शशि, सुवेश, पुरन्दर, भास्कर, कुसुम, रूपचन्द्र गार्गीय, ठा० लोकपालसिंह एम. एल. ए, बीरेन्द्र, सुरेन्द्रसागर प्रचण्डयाकी प्रमुख रूप से पठनीय हैं। इस तरहसे हम प्रत्येक कवि व विचारकक शब्दोंसे बड़ी प्रेरणा प्राप्त करते है। छ मूल्य बातों व सुभा पतों का इसमें समावेश किया गया है। विवाह पावनता तथा जीवनके लक्ष्यको भुलानेवाले व्यक्ति सुखी नहीं रह सकते। जो व्यक्ति कामवासना की पूर्तिमात्र समझते हैं उनसे पतित और नीच शायद ही कोई हो। बबूने ही कर दिया है – “विवाह पुरुष और कन्या के लिये त्यागमय जीवनकी साधनाका प्रतीक है। वह अंग सोमत आनन्दकी परिधि मानबको ऊँचा उठाकर शाश्वत् स्नेह और सुखके द्वारपर पहुंचा देता है
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