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________________ (८८) कार ही छुमन्तर हो जाता है। अरे भाई अहिंसा तो एक ईश्वरीय शक्ति है। ___ स्वामी समन्तभद्राचार्य, अंग्रेज कवियत्री इलाव्हीतर बिल. कॉक्स, शेक्सपियर, जीसस, भगवान ऋषभ, राम, कृष्ण, महावीर, बुद्ध, सुकरात, ईसा, और सन्त दानियालने अहिंसाका महत्व नहीं समझा वरन् उसे अधिकतर अपने जीवन में भी स्थान दिया। हिंसक जीव जन्तुओंमें अहिंसक तत्वोंको रखा गया है। अहिंसाकी व्यवहारिक उपयोगिता और परिमाण बताकर इतिहासके आलोकसे अहिंसाकी विशेषता स्पष्ट की है। जो लोग अहिंसाके सम्बन्ध में जानते नहीं हैं वही आलोचना करते समय कायरता बताते हैं। बाबूजीने स्पष्ट ही लिखा है “अहिंसामें निष्क्रियताके लिए कोई स्थान नहीं है- वस्तुतः अहिंसा तो वह सक्रिय शक्ति है जो हताश हृदयों में नवजीवनका संचार करती है और उनको अभय बना देती है।" विवाह-सुमनोजलि सन् १९६० में बाबूजीने अपनी सुपुत्री सौ० सुमनलताके विवाहोत्सव पर इस "विवाह सुमनांजलि'का सम्पादन किया था। इसमें ९० पृष्ठ हैं। इस अभूतपूर्व ग्रन्थमें श्री वर्णीजी, ब्रह्मचारिणी चन्दाबाई, महात्मा भगवानदीन, स्वामी शिवानन्द, स्वामी आर० पी० अनुरुद्ध, डा० राधाकृष्णन, श्री बी० बी० गिरी मूतपूर्व राज्यपाल उत्तर प्रदेश, श्री दशरथ जैन उपमन्त्री म०प्र०, श्री सौभाग्यमल जैन राजस्वमन्त्री मध्यभारत, प्रो० तानयून-शान अध्यक्ष चीन भवन, उपन्यासकार श्री कार फ्रांस, अमेरिकन प्रस्थात लेखक श्री वेयन ऐच० स्टील, अमेरिकामें शाकाहारकी Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003978
Book TitleKamtaprasad Jain Vyaktitva evam Krutitva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivnarayan Saxena
PublisherMulchand Kisandas Kapadia
Publication Year
Total Pages178
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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