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________________ ३१४ ऊँ ग्रुप ग्राम पंचायत कार्यालय भडगांव येता- भडगांव तमाम लोकांस कळविण्यांत येते की गट ग्रापंचायत भडगांव कमेटीने ता७ = ५ - ६४ रोजी विषय नं ६ अन्वये ठराव करुन आपले गांवाचे अरोग्य रक्षणासाठी शुद्ध पाण्या व पुरवठा व्हावा ह्मणूनच आज पासून गट ग्रामपंचायत सरपंच साहेब भाडगांव हैआपल्या सर्व जनते समोर निवेदन करीत आहेत. ते येणें प्रमाणे: (१) पारोळा जुना रोड फरशी पासून ते हिन्दु स्मशानभूमी पर्यन्त कोणी ही गिरणा नद्याचे पात्रांत मच्छीमारी व कोणत्याही प्रकारची जीवहत्या करु नये व केल्यास त्यावर कायदेशीर इलाज करणेत येइल. कळावे. ग्र. से. भाडगांव गट ग्रामपंचायत भाडगांव आपला विस्वासू सरपंच गुप ग्रामपंचायत भाडगांव माननीय परमपूज्य गुरुजी श्री. कन्हैयालालजी महाराज याना आदर पूर्वक सदरचा ठराव अर्पण करीत आहेत. त्याचा स्वीकार व्हावा; ही आदरांजली अरपण होवो आपले भाडगांव शान्ती कार्यवाह मंडळी ॐ श्री कमेटी सोवरखेडे ता. पारोळा दिनांक २५ एप्रिल १९६४ सर्वेऽतु सुखीनः सन्तु, सर्वे सन्तु निरामयाः । सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखमाप्नुयात् ॥ हम सावरखेडे निवासी आम प्रजाजन को पूज्य आचार्य महाराज श्री घासीवालजी महाराज म. के सुशिष्य पंडित रत्न पूज्य महाराज श्री कन्हैयालालजी द्वारा धार्मिक और आध्यात्मिक प्रवचन श्रवण करने का सुअवसर मिला । उस उपदेश में हमारे जीवन में आदर्शता सत्यता प्रामाणिकता निर्मलता आवे व राज्य के और धर्म के वफादार रहें इन विषयों पर वक्तव्य व व्याख्यान सुनने का सुअवसर मिला । उसकी खुशी में महाराज श्री के फरमानेसे हमारी नदी कनहेरी में महादेव के पास से तो हिम्मत श्रवण सर्वे नम्बर तक १ फलाँग भर इस पवित्र भूमि कोई भी व्यक्ति मच्छी आदि की कोई भी जीव हिंसा नहीं कर सकेगा । ऐसी प्रतिज्ञा हम सभी लोग समझपूर्वक स्वेच्छा से भगवान और धर्म की साक्षी से करते हैं । यह प्रतिज्ञा वंश वारस तक निभाई जायेगी । इसमें हमारे परिवार का भला और रक्षण भरा हुवा है । इसी दृष्टि से प्रतिज्ञा करके यह लेख महाराज श्री को अर्पण करते हैं । सही :- रामदास गणपत सरपंच ग्रामपंचायत कमेटी सावरखेडे तारीख २५-४-६४ श्री ग्रुप ग्रामपंचायत वेले आखातवाडे ता. चोपडे जि. जलगांव दिनांक १० मार्च १९४६ हम वेले निवासी आम प्रजाजन को पूज्य आचार्य महाराज श्री घासीलालजी महाराज के सुशिष्य पंडित रत्न पूज्य महराज श्री कन्हैयालालजो महाराज द्वारा धार्मिक और आध्यात्मिक प्रवचन श्रवण करने का सुअवसर मिला । इस उपदेश में हमारे जीवन में आदर्शता, सत्यता, प्रमाणिकता, निर्मलता आवे व राज्य के और धर्म के वफादार रहकर कैसे अन्तर स्वरूप प्रगट करें इन विषयों पर वक्तव्य व व्याख्यान सुनने का अवसर मिला । उसकी खुशी में महाराज श्री के फरमान से हमारी नदी रत्नावति में अकुलखेडे के रास्ते से लगाकर सर्वे नंबर ९६ के दक्षिण वाजू १ फर्लांग भर इस पवित्र भूमि में कोई भी व्यक्ति मच्छी व कोई भी जीवहिंसा नहीं कर सकेगा । एसी प्रतिज्ञा हम सभी लोग समझ पूर्वक की साक्षी से करते हैं । यह प्रतिज्ञा वंश वारस और हमारा परिवार का भला और रक्षण भरा राजश्री को अर्पण करते हैं । स्वेच्छा से भगवान और धर्म तक निभाई जायेगी । इसमें हमारा कुटुम्ब, हमारा गांव हुआ है । इस दृष्टि से प्रतिज्ञा कर के यह लेख महा सही :- ÷ X X सही सीताराम सखाराम पा वेले आखातवाडे ग्रुप ग्राम पंचायत कमेटी वेले Jain Education International न्याय पंचायत सभासद सरपंच वेले आंखाता For Personal & Private Use Only तारीख १९५६४ www.jainelibrary.org
SR No.003976
Book TitleGhasilalji Maharaj ka Jivan Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRupendra Kumar
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1975
Total Pages480
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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