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भीतर खुदा का दर्शन करना है, उसके लिए दोस्ती के सिवा और कोई चारा नहीं । एक बार सुकरात से उसके किसी दुष्मन ने कहा-अगर मैं तुम से बदला नहीं ले सकू तो मर जाऊं ! इस पर सुकरात ने कहा-अगर तुझे अपना दोस्त न बनाउ तो मैं मर जाऊ !!
आज दुनियां दोजख हो गई है । सब कुछ होते हुए भी जिन्दगी भार रुप बनगई है । ईस की वजह यही हैं कि ईर्षा. द्वेष, नफरत, की अंधियारी हमारे चारों ओर छा गई है । हमारा बहुत-सा दुःख केवल दूसरों के प्रति हमारे संशय से पैदा हुआ है, जिसे हम जरासी मुस्कान से अपनाले सकते हैं, उसे सिकुडी हुई भौहों से दूर कहते जा रहें हैं । जिसे हम दो मीठे बोल से जीत सकते हैं, उसे अपनी कठोर वाणी से विरोधी बनाते जा रहें हैं । यदि हम हमदर्दी के साथ दूसरों की जिन्दगी का विचार करें तो वे पानी-पानी हो जाएंगे | नजर का जाद बड़ा गहरा होता है । महनत की एक चितवन वर्षों की दुष्मनावट को दुर कर सब के सब दोस्त बन जाओ । यही अमन सही रास्ता है।
महाराज श्री के इस व्यक्तव्य का मुसलमानों के दोनों दलों पर अच्छा असर पडा । दोनों दलोंने खडे होकर एक दूसरों से माफी मांगी और दोनों दल सदा के लिए एक दूसरे के दोस्त बन गये । गांव का झगडा जो वर्षों से चला आरहा था वह महाराजश्री के दो शब्द से सदा के लिए मुसलमानों ने महाराज श्री का बडा एहसान माना और जयध्वनि के साथ सभा विसर्जित हो गई।
- दसरे दिन मस्जिद को न माननेवाला एक मुसलमान भाई जो महाराजश्री के फैसले से अत्यन्त रुष्ट था वह महाराजश्री के पास आया और बोला-"आपने जो फैसला किया वह पक्षपात पूर्ण था । दसरे दल वालों को राजी रखने के लिए आपने उनके हक में फैसला किया है । मैं मेरी बीबी और दोनों बच्चे आज से आपके साथ रहेंगे और आपके इस अन्याय पूर्ण फैसले का बदला ले के रहेंगें । इस पर महाराज श्री ने कहा-भाई ! इसमें नाराज होने की क्या बात है ? अगर मैने कराने शरीफ की आयत का गलत मायना किया हो तो आप यहाँ के बड़े से बडे काजी को अथवा कोल्होपरके काजीको बुलाकर उसका अर्थ कराओ अगर मेरा मायना गलत निकला तो मैं अपने फैसले को वापस लेने को तैयार हूँ । इस पर वह बोला-कोल्हापुर का काजी तो पाजी है, वह बेचारा कुरआनेशरीफ को क्या जानेगा । इस पर महाराज श्री ने कहा-कोल्हापुर का काजी पाजी हो सकता है किन्तु दुनियां के सभी काजी तो पाजी नही हैं । आप जहां से भी काजी को बुलाये कौर मेरे अर्थ को झूठा साबीत करवानें। मैं १५ दिन तक यहां रहने को तैयार हूँ। आप लखनउ से या हैद्राबाद से काजी को बलावें । अगर वे काजी मेरे अर्थ को गलत साबित कर देंगे तो मैं अपना फैसला वापस ले लूंगो । अगर उन्होंने मेरा मायना सच्चा साबित किया तो तुझे मय बाल बच्चे के साथ मेरी तरह मुह बांधकर साध बना पडेगा । बोलो यह शर्त आपको मंजूर है । यह सुनकर वह मुसलमान शान्त हो गया और वहां से नळ दिया । ऐरला में कुछ दिन बिराजे । हिन्दु सुसलमान भाईयों ने आपके प्रवचन का अच्छा लाभ लिया । सैकडों व्यक्तियों ने दारु मांस एवं जीव हिंसा का त्याग किया । आपने वहां से विहार कर दिया । वि. सं. १९७८ का बीसवां चातुर्मास चारोली
चरितनायकजी अनेक ग्राम नगरों को पावन करते हुए चारोली पधारे । चारोली एक छोटा गांव है। करीब जैन समाज के चालीस घर हैं । लोगों में श्रद्धा भी अच्छी है । चातुर्मास का समय नजदीक आगया था। महाराज श्री आगे विहार करनां चाहते थे किन्तु एक मुनि की तबियत अचानक बिगड गई । विहार कर सके ऐसी स्थिति न रही । स्थानीय श्रावकों का भी चातुर्मास के लिए अत्यन्त आग्रह था । महाराजश्री ने भी मुनि की अस्वस्थता और श्रावकों की असीम भक्ति देखकर चातुर्मास मान लिया । चातुर्मास की स्वीकृति से संघ में आनन्द छा गया ।
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